Tuesday, July 9, 2024
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सूदखोरों के चंगुल में फंसने को मजबूर हो रहे गरीब

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  • लाभार्थियों को पीएम आवास योजना की किश्त का इंतजार

जनवाणी संवाददाता |

फलावदा: प्रधानमंत्री आवास योजना में सरकारी आंकड़े कुछ भी हो लेकिन जमीनी हकीकत बहुत जुदा है। लालफीताशाही में लाभार्थियों को योजना का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है।कच्चे मकान जमीदोज करके किस्त आने के इंतजार में गरीब लाभार्थी सूदखोरों के चुंगल में फंस रहे है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी को पक्की छत देने के उद्देश्य से पीएम आवास योजना शुरू की गई थी। इस योजना के पहले घटक में कच्ची छत के नीचे गुजर बसर कर रहे लोगों को पक्के मकान बनाने के लिए तीन किस्तों में ढाई लाख रुपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। कस्बे में कई 100 लोगों ने आवेदन करके अपने कच्चे आशियाने जमीदोज कर लिए। कुछ लोगों को किस्त मिली,

लेकिन काफी लोगों के हिस्से में बरसों से इंतजार ही चला रहा है। उनकी किश्त का मामला लालफीताशाही का शिकार हो रह है। तमाम जद्दोजहद के बावजूद वे तीसरी किस्त से महरूम है। उनके खाते में किस्त नहीं डाली जा रही है। गरीब लाभार्थी नगर पंचायत तथा डूडा कार्यालय की परिक्रमा करते करते आजिज आ चुके हैं।

कस्बे के मोहल्ला जोगियान निवासी शहजाद पुत्र कालू ने बताया कि उसने ब्याज पर रुपये लेकर निर्माण कंप्लीट किया था। बरसों से उसकी तीसरी किस्त नहीं आई। उसके हिस्से में सिर्फ इंतजार ही आ रहा है। नतीजतन उस पर सूदखोरों का ब्याज काफी बढ़ता जा रहा है।

शहजाद जैसे कस्बे के काफी लोग बरसों से तीसरी किस्त की बाट देख रहे है। वहीं कस्बे के कई गरीब किस्त का इंतजार करते-करते स्वर्ग भी सिधार चुके हैं। कहा जा रहा है कि पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार के चलते लाभार्थियों को समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार के नुमाइंदे सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ा कर सरकार के सामने भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे है।

लोगों का कहना है कि सीएम हेल्पलाइन सहित की गई तमाम शिकायतों के बावजूद कोई अफसर सुनने को तैयार नहीं है। योजना के लाभ की खातिर लोग उपेक्षा का शिकार होकर खाना बदोश जैसी जिंदगी गुजारने की मजबूर हो रहे हैं।

कई मर्तबा डूडा अफसरों को लिखित रूप से अवगत कराया जा चुका है,

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लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण लाभार्थियों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
-अब्दुस समद, चेयरमैन।

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