Saturday, April 26, 2025
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शहर में कठिन है डगर, नेता और अफसर बेखबर

  • कई इलाकों में सड़क के नाम पर रह गए अवशेष, सड़क में गड्ढे हैं या फिर गड्ढों में सड़क, हो रहा भ्रम

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए डगर बेहद कठिन हैं और नगर निगम व पीडब्ल्यूडी के अफसर पूरी तरह से बेखबर हैं। बात महानगर की सड़कों की यदि की जाए तो वह छलनी हो चुकी हैं। सड़कें तो रही ही नहीं गई हैं, बल्कि बड़े बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। लगातार हुई बरसात ने रही सही सड़कों को भी गड्ढों में तब्दील कर दिया। शहर के मुख्य मार्ग तो छलनी हैं हीं, बस्तियों की सड़कों का इससे भी बुरा हाल है।

पिछले दिनों इन बस्तियों की सड़कों की सुध लिए जाने की गुहार को लेकर पूर्व पार्षद अब्दुल गफ्फार के नेतृत्व में तमाम दलों के पार्षद नगरायुक्त से मिले भी थे। उम्मीद थी कि सड़कों की सेहत सुधारी जाएगी, लेकिन उम्मीद टूट गयी। बारिश के साथ ही सड़कों की दशा पहले से ज्यादा खराब हो गई। इतनी खराब कि शहर के कई रास्तों से गुजरने में डर लगने लगा है। दिन में कई बार क्षतिग्रस्त रास्तों पर दो पहिया वाहन सवार चोटिल होते हैं।

शहर के भूमिया पुल चौराहे से लिसाड़ी रोड होते हुए आगे जाने की यदि कभी नौबत आ जाए तो मुंह से अनायास निकलेगा कि आखिर इस ओर आए तो आए क्यों। श्याम नगर से चार खंभा रोड, हुमायूंनगर मेन रोड, खैरनगर, वैली बाजार, कबाड़ी बाजार, शहर के भीतर ज्यादातर सड़कों के बारिश के बाद अवशेष रह गए हैं। शहर के सारे मुख्य मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं।

सीईओ साहब! बदहाल हैं कैंट की सड़कें

शहर की नहीं कैंट की सड़कें का भी पुरसा हाल है। कैंट इलाके में कुछ सड़कें एमईएस तो कुछ कैंट बोर्ड के जिम्मे हैं। लोगों का कहना है कि सड़कें भले ही कोई भी बनाए, लेकिन बना दी जानी चाहिए। कैंट के टैंक चौराहे पर जहां से रुड़की रोड से आते हुए माल रोड की ओर मुड़ना होता है सड़क पर करीब तीन फीट गहरा और आठ फीट चौड़ा गडढा हो गया है। यहां ड्यूटी करने वाले टैÑफिक के सिपाही बताते हैं कि दिन में करीब दर्जन भर बाइक सवार गिरते हैं। टैÑफिक संभालने के साथ-साथ लोगों को भी संभालना पड़ता है।

माल रोड की दुर्दशा किसे से छिपी नहीं है। इसके लिए जिम्मेदार कैंट अफसरों को लगता है अभी फुर्सत नहीं है। माल रोड स्थित रक्षा संपदा आफिस से जीरो माइल चौराहे की ओर जाने वाले रास्ते पर हालत इतनी ज्यादा खराब है कि अब तो वहां गुजरते हुए भी वाहन चालक डरने लगते हैं। सड़क के गड्ढों की गहराई इतनी ज्यादा हो गई है कि चार पहिया वाहन के भी पलटने की आशंका बनी रहती है। जिन इलाकों का जिक्र किया गया है वो महज बानगी भर हैं, दरअसल पूरे महानगर की हालत खराब है।

डराती हैं आउटर रोड

महानगर की आउटर रोड जिनके रखरखाव का काम पीडब्ल्यूडी का है, उनका भी बुरा हाल है। इतना बुरा कि पीक आवर ना हो तो भी जाम लगा रहता है। रुड़की रोड, गढ़ रोड, हापुड़ रोड, मवाना रोड और दिल्ली रोड इनको देखने की जिम्मेदारी पीडब्लूडी अफसरों की है, लेकिन जो हाल सड़कों का बना है उससे लगता है कि पीडब्ल्यूडी के अफसर अभी फुर्सत में नहीं हैं।

कैंट विधायक बोले, जल्द शुरू होगा काम

कैंट विधायक अमित अग्रवाल का कहना है कि सड़कों की मरम्मत का काम शीघ्र शुरू कराया जाएगा। हालात वाकई खराब है। बारिश का मौसम निपटते ही इस संबंध में पूरा प्रयास किया जाएगा।

महापौर और निगम चीफ के पास समय नहीं

बदहाल सड़कों को लेकर जब महापौर हरिकांत अहलूवालिया और निगम चीफ से संपर्क का प्रयास किया तो दोनों के मोबाइल घंटी जाती रही, उन्होंने काल रिसीव नहीं की।

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