- महानगर की सड़कों में गड्ढे बेशुमार, पथ प्रकाश व्यवस्था भी बेपटरी
- बारिश के बाद सड़कों में लगातार बढ़ती जा रही गड्ढों की संख्या
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मानसून की बारिश से शहर की तमाम सड़कें उधड़ गई। आखिर नगर निगम ने इतनी खराब सड़के जो बनाई थी, उनमें गहरे गड्ढे हो गए हैं। इसके लिए जवाबदेही किसकी हैं? शहर की सड़कों की हालात सर्वाधिक खराब हैं। बरसात में पानी भरने पर दुपहिया वाहन चालक को चोट लगना ऐसे में लाजिमी हैं।
महानगर की सड़कों पर निगम की लापरवाही के चलते गड्ढों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बारिश के कारण सड़क में बने गड्ढों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यदि बरसात से पूर्व ही निगम के द्वारा सड़क में बने गड्ढों को भरवा दिया जाता तो स्थिति ओर ज्यादा खराब न होती। उधर, दूसरी तरफ बरसात में सड़कों के किनारे पथ प्रकाश के लिए लगाई गई लाइटें भी खराब हो रही है।
जिसमें रात्रि के समय सड़कों पर पथ प्रकाश के अभाव में लोगों को गड्ढों के बीच से गुजरना पड़ता है तो कई बार दुपहियां वाहन चालक चोटिल तक हो जाते हैं। गली-मोहल्लों के अंदर बनी सड़कों की हालत तो बरसात के मौसम में खराब बनी हुई है। वहीं, ऊपर से पथ प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़कों पर रात में चलना दूभर हो जाता है। कमोवेश यही हालात मुख्य सड़कों के बने हुए हैं।
जिसमें यदि बरसात से पूर्व नगर निगम के द्वारा इस तरफ ध्यान दे दिया जाता तो सड़कों में जो लगातार गड्ढों की संख्या बढ़ती जा रही है, वह न बढ़ती। बारिश के पानी से सड़कों पर हुए जलभराव के कारण सड़क में बने गड्ढों की संख्या कई गुणा तक बढ़ गई है। कई जगहों पर तो सड़क से तारकोल व बजरी दोनों ही कई-कई मीटर तक उखड़ गई है और सड़क पर राहगीरों का चलना दूभर हो गया है।
लिसाड़ीगेट, भूमिया का पुल, माधवपुरम, बागपत रोड, शास्त्रीनगर में सबसे ज्यादा हालात खराब दिखाई देते हैं। खुद महापौर भी सड़कों में बने गड्ढों को निगम द्वारा नहीं भरवाए जाने को लेकर नाराजगी जता चुके हैं। यदि अब भी समय रहते सड़कों के गड्ढों को नहीं भरवाया गया और पथ प्रकाश व्यवस्था सुचारू नहीं कराई गई तो रात में किसी बडेÞ सड़क हादसे के होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।