Monday, July 8, 2024
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सुरक्षा ऐसी कि परिंदा भी पर न मार सके

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  • सभी मतगणना केन्द्र थे सीआरपीएफ और अर्द्ध सैनिक बलों के अभूतपूर्व सुरक्षा के घेरे में

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: लोकसभा चुनाव के लिए इस बार सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये गये थे। प्रशासन ने कई मील पहले ही प्रत्याशियों के समर्थकों को रोक दिया था। जबकि मीडिया पर भी बंदिशे लगाई गई थीं। सभी विधान सभा सीटों के लिए अलग-अलग मतगणना केन्द्र बनाये गये थे। यह सभी मतगणना केन्द्र सीआरपीएफ व अर्द्ध सैनिक बलों के अभूतपूर्व सुरक्षा के घेरे में थे। सुरक्षा इतनी अभूतपूर्व थी कि परिंदा भी पर न मार सके।

पार्टियों के 1 किलोमीटर पहले बनाये कैंप, कार्यकर्ता मायूस

मतगणना के लिए प्रशासन ने इस बार सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये थे। मीडिया के लिए भी अलग से मीडिया सेंटर बनाया गया था। जबकि राजनीतिक दलों के कैंप तो एक किलोमीटर पहले ही बना दिये गये थे। कृषि विश्वविद्यालय के मतगणना केन्द्र पर सबसे पहले समाजवादी पार्टी गठबंधन का कैंप बनाया गया था। इस कैंप में ही कांग्रेस के भी कार्यकर्ताओं को रोका गया था। उससे थोड़ा आगे बहुजन समाज पार्टी का कैंप था। इसी तरह भारतीय जनता पार्टी का कैंप भी मतगणना केन्द्र से पहले ही बनवाया गया था। हालांकि सभी पार्टियों के कार्यकर्ता इन्हीं शिविरों में थे। लेकिन राजनीतिक पार्टियों के कई दिग्गज नेता मीडिया सेंटर के साथ-साथ मतगणना केन्द्रों तक भी पहुंचने में सफल हो गये थे।

14 खराब ईवीएम ने प्रत्याशियों को डाल दिया सकते में

मंगलवार को मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट की मतगणना संपन्न हुई, लेकिन सुबह गिनती करीब एक घंटा देरी 8 के बदले 9 बजे आरंभ हुई। जबकि 34 राउंड तक चली मतगणना शाम कराब सात बजे समाप्त हुई। मतगणना देर से समाप्त होने की प्रमुख वजह पांच विधानसभाओं की ईवीएम खराब होना सामने आई। इनमें मेरठ कैंट की 03, हापुड़ की 05, शहर विधानसभा की 01, किठौर विधानसभा की 03 व मेरठ दक्षिण की 02 मशीनें शामिल रही। निर्वाचन अधिकारी द्वारा मशीनें खराब होने की जानकारी तो दी गई,

लेकिन इसका समाधान क्या होगा यह नहीं पता चल सका। वहीं, कांटे के मुकाबले में भले ही भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल ने 10 हजार 585 मतों से जीत हासिल की, लेकिन मतो का अंतिम आंकड़ा सामने आने तक वह भी असमंजस की स्थिति में रहे। यही हाल दूसरे नंबर पर रही सपा प्रत्याशी सुनीता वर्मा के पति व पूर्व विधायक योगेश वर्मा का भी रहा। दोनों प्रत्याशी ईवीएम खराब होने की वजह से कौन जीत रहा इसको लेकर संशय में रहे।

जबकि छह बजे सभी ईवीएम (खराब ईवीएम को छोड़कर) के मतों की संख्या सामने आ चुकी थी। जिसमें दोनों प्रत्याशियों के बीच मामूली अंतर था, लेकिन जिन 14 खराब ईवीएम के मतों के लिए वीवीपैड से गिनती होनी थी उसको लेकर कौन कितने मतों से आगे है, यह सवाल बना रहा। अंत में जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक मीणा ने वीवीपैड की गिनती कर अंतिम संख्या की घोषणा की।

रुझानों के साथ बदलते रहे समर्थकों के चेहरे के रंग

मंगलवार शाम को चुनाव परिणाम आने से पहले भाजपा, सपा व बसपा प्रत्याशी के समर्थकों के चेहरे का रंग मतगणना केंद्र से आने वाली खबरों के साथ-साथ बदलता रहा। सुबह करीब 9 बजे से मतगणना केंद्र से परिणाम छनछन कर बाहर आने शुरू हो गए। मतगणना के शुरुआती परिणामों ने भाजपा के लिए सुखद अहसास साबित हुए। शुरुआती रुझानों के बाद सदर, शास्त्रीनगर व सेंट्रल मार्केट व भाजपा का गढ समझे जाने वाले इलाकों में जश्न का माहौल था। हालांकि जश्न से परहेज बरता गया,

लेकिन जिस प्रकार से मतगणना में भाजपा के अरुण गोविल लीड लेकर चल रहे थे उसने भाजपाइयों का मूड बनाकर रख दिया, यह सिलसिला 11 बजे तक बना रहा। उसके बाद जैसे जैसे मतगणना केंद्र से खबरें आती रहीं उसके बाद भाजपा व सपा प्रत्याशी समर्थकों के चेहरे का रंग बदलता रहा। मैदान में केवल सपा व बसपा प्रत्याशी के समर्थक रह गए थे जो आखिर तक मैदान में डटे रहे। कई ऐसे मौके आए जब इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी के समर्थक चहकने लगे। दोपहर बाद करीब तीन बजे जब गठबंधन की प्रत्याशी करीब 25 हजार मतों की लेकर आगे थीं तो उनके समर्थक चहकने लगे। उस वक्त माहौल पूरी तरह से बदल गया था।

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