- अपहरणकर्ताओं की कुछ घंटों में ही मोटी रकम पाने की मुराद पर फिरा पानी
- बदमाशों को अहसास था कि जेई बेटी को बचाने के डर से पुलिस में नहीं करेगा संपर्क
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अपहरणकर्ता अपनी योजना को अमलीजामा पहनाकर माईशा को तो अगवा करने में कामयाब हो गए, मगर बाद में वो अपने ही जाल में फंसते गए। फिरौती की रकम ड्राइवर राजू के हाथों भेजने की बात ही अपहरणकर्ताओं पर भारी पड़ गई। पुलिस ने राजू की दिन भर की गतिविधियों और कॉल डिटेल पर नजर डाली तो शक गहराता चला गया। बदमाशों को गुमान था कि जेई इकलौती बेटी की जान बचाने को पुलिस में जाने के बजाए कुछ ही घंटों में फिरौती की रकम से उनकी झोली भर देगा, मगर पुलिस ने उनके मंसूबों पर पानी फेरते हुए कुछ ही घंटों में अपहरणकर्ताओं को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया।
अवर अभियंता महबूल हक की बेटी माइशा के अपहरण की योजना को छह दिन पहले अंतिम रूप दिया गया था। पचास हजार रुपये की चोरी के आरोप में निकाले गए आकाश पर अपने अपमान का बदला जेई महबूल हक से लेने का जुनून सवार था। उसी ने बेटी का अपहरण कर जेई को सबक सिखाने और रिहाई के बदले मोटी रकम वसूलने के लिए एक तीर से दो निशाने लगाने का प्लान बनाया था। निगम में जेई की कार का चालक राजू भी लालच में फंसकर उसके साथ जुड़ गया। मुख्य आरोपी आकाश ने अपने साथ साले अजय को मिलाकर कई दिन तक पूरी रेकी की थी। सोमवार को वो आसानी से जेई की बेटी माइशा को अगवा करने में कामयाब हो गए,
मगर उसके बाद उनका हर कदम उल्टा ही पड़ता चला गया। जेई को धमकाते हुए फिरौती की रकम राजू के हाथ भेजने की बात कहकर पुलिस को बड़ा क्लू दे दिया। डेढ़ से दो घंटे अवधि में माइशा के सकुशल परिवार के बीच आ जाने के बाद पुलिस के हाथ सीधी कार्रवाई के लिए खुल गए। जेई की जुबानी अपहरणकर्ताओं की बात सुनने पर पुलिस ने सबसे पहले जेई से जुड़े चालक राजू की कुंडली खंगालनी शुरू की तो शक की सूई गहराती गई, क्योंकि राजू के मोबाइल की लोकेशन घटनास्थल के इर्द गिर्द ही मिली। कॉल डिटेल खंगाली तो लगातार वो एक नम्बर पर कॉल कर रहा था, वो नम्बर किसी और नहीं आकाश का निकला
तो पुलिस को लिंक से लिंक जोड़ने में समय नहीं मिला और कुछ ही घण्टों में पुलिस ने उनके चेहरे बेनकाब कर अपहरणकर्ताओं को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने पूछताछ के हवाले से बताया कि आकाश और राजू यह मानकर चल रहे थे कि बेटी को बचाने के लिए जेई महबूल हक पुलिस के पास जाने का रिस्क नहीं लेगा और वह चुपचाप फिरौती की रकम उनकी झोली में डाल देगा, मगर उसके विपरीत हुई हर कार्रवाई ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया। यही वजह रही कि अपहरणकर्ता पुलिस के डर से माइशा को उसके घर के पास छोड़कर फरार हो गए।