Monday, July 1, 2024
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…तो नहीं सुधर रही सीएनजी बसों की हालत

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  • तीन लाख रुपये प्रतिदिन हो रहे खर्च, फिर भी हालत जस के तस

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महानगर सेवा में लगी सीएनजी बसों की टूटी-फूटी सीटों और गलकर टूट चुके फर्श के चलते यात्रियों को इनका सफर रास नहीं आ रहा है। जिसके चलते लगातार घाटे में चल रही सीएनजी बसों का घाटा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इन बसों के मेंटीनेंस और चालक के नाम पर संबंधित कंपनी को तीन लाख रुपये प्रतिदिन का भुगतान किया जाता है, इसके बावजूद बसों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है।

महानगर में कानपुर से भेजी गई एक दशक से अधिक पुरानी अधिकतर सीएनजी बसों की आयु लगभग पूर्ण हो चुकी है। जिसके कारण इनके मेंटीनेंस पर बहुत अधिक खर्च हो रहा है। इन बसों के रखरखाव का कार्य श्यामा-श्याम कंपनी करती है। बसों के मेंटीनेंस के साथ-साथ कंपनी की ओर से बसों को चलाने के लिए चालक भी दिए जाते हैं। जिसकी एवज में नगरीय बस सेवा विभाग की ओर से 19.71 रुपये प्रति किमी दिए जाते हैं।

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औसतन 88 बसें प्रतिदिन 180 किमी चलती हैं। यानि विभाग श्यामा-श्याम कंपनी को इन बसों के रखरखाव और चालक के लिए प्रतिदिन तीन लाख रुपये का भुगतान करता चला आ रहा है। इसके बावजूद बसों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। अधिकांश बसों की सीट इतनी लचर हो चुकी हैं, कि उन पर बैठकर सफर करना आसान नहीं रह जाता। इतना ही नहीं, कई बसों का फर्श इस हद तक गलकर टूट चुका है कि सीटें झूलती रहती हैं।

कई बार तो पीछे की सीट पर बैठे यात्री तक उससे दबने लगते हैं। इस संबंध में सीएनजी बसों का संचालन देख रहे एआरएम सचिन सक्सेना का कहना है कि जर्जर हालत को देखते हुए आठ बसों का संचालन रोक दिया गया है। कंपनी से इन बसों की दशा सुधारने के बाद ही मार्ग पर भेजे जाने के आदेश किए हैं। वहीं श्यामा-श्याम कंपनी के प्रतिनिधि का कहना है कि कुछ समय पूर्व उपलब्ध कराई गई 200 सीटें बदली जा चुकी हैं।

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अन्य बसों में भी उपलब्धता के आधार पर सीटें बदलने का काम किया जाएगा। इसके अलावा प्रतिदिन दो बसों की सीटें और फर्श को ठीक कराने की व्यवस्था कराई गई है। जिन्हें सही कराकर ही वर्कशॉप से संचालन के लिए निकाला जा रहा है। उनका कहना है कि सभी बसों को एक साथ रोककर एकदम से ठीक करना संभव नहीं है। इसलिए इन्हें चरणबद्ध ढंग से रिपेयर करने का अभियान चलाया गया है।

टायर के अभाव में खड़ी हैं तीन वोल्वो

महानगर बस सेवा के बेडेÞ में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों के साथ-साथ आठ वोल्वो बसें भी शामिल हैं। इनमें से वर्तमान में पांच बसें संचालित की जा रही हैं। जबकि तीन बसों को टायर जर्जर होने के कारण वर्कशाप में खड़ा कर दिया गया है। एआरएम सचिन सक्सेना का कहना है कि डेढ़ महीना पहले दो अप्रैल को परिसर में आग लगी थी। इसी आग में वे सभी कागज जलकर स्वाहा हो गए थे, जिनमें तीन बसों के लिए 16 टायर लाए जाने संबंधी फाइल स्वीकृति के लिए तैयार कराई गई थी। अब यह प्रक्रिया नए सिरे से कराकर 16 टायर मंगाने का प्रयास किया जा रहा है।

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