- नगर निगम की ओर से नहीं कोई व्यवस्था
- दोनों बार एसोसिएशन के जरिये दिए जाते हैं प्रवेश द्वार के ठेके
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कचहरी परिसर के भीतरी और बाहरी हिस्से में वर्किंग-डे में हजारों की संख्या में वाहन बेतरतीब खड़े रहते हैं। जिसके चलते इस क्षेत्र में मौजूद विभिन्न न्यायालय और सैकड़ों सरकारी विभागों में आने जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कचहरी, कमिश्नरी, पुलिस आॅफिस, एमडीए के चारों ओर जाने वाले रास्तों और मेरठ कॉलेज के बाहर आते जाते लोगों को इन बेतरतीब वाहनों के कारण जाम का सामना करना पड़ता है।
अगर सिर्फ कचहरी परिसर की बात की जाए, तो इसमें विकास भवन, जिला पंचायत, डीएम कार्यालय, विभिन्न एडीएम कार्यालय और न्यायालय मिलाकर सैकड़ों की संख्या में सरकारी विभागों के दफ्तर मौजूद हैं। वहीं, करीब 40 न्यायालय इसी परिसर में स्थित हैं। कचहरी परिसर में मेरठ बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन के वोटरों के आधार पर इनकी संख्या 5500 से अधिक हो जाती है।
इनके अलावा लगभग इतनी ही संख्या में पढ़ाई कर रहे और प्रशिक्षण लेने वाले अधिवक्ताओं की संख्या भी है। इन अधिवक्ताओं के साथ-साथ हजारों की संख्या में इनके मुंशी, सैकड़ों की संख्या में वेंडर, टाइपिस्ट, दस्तावेज लेखक, दुकानदार और न्यायालयों से जुड़े स्टाफ कर्मी और अधिकारी प्रतिदिन यहां किसी न किसी वाहन से आते-जाते हैं। इनमें से अगर आधे लोग भी अपने छोटे-बड़े वाहनों का प्रयोग करें, तो इनकी संख्या पांच हजार से अधिक हो जाती है।
अब अधिवक्ताओं से मिलने और न्यायिक कार्यों के लिए न्यायालय में आने वाले वादकारी और सैकड़ों की संख्या में मौजूद सरकारी कार्यालयों में अपने काम से आने वाले लोगों की संख्या 20-25 हजार से अधिक हो जाती है। इसी परिसर में दो रजिस्ट्री आॅफिस भी है जिनमें सैकड़ों की संख्या में लोग प्रतिदिन आते जाते रहते हैं। कचहरी संभवत ऐसा इकलौता क्षेत्र होगा जिसमें आने जाने के लिए छह रास्ते मौजूद हैं।
इन सभी रास्तों के बाहर वाहन पार्क किए जाते हैं। इसके अलावा कचहरी के चारों ओर सड़क पर वाहनों को पार्क किया जाता है। इतना ही नहीं, कचहरी के सामने स्थित मेरठ कॉलेज, कमिश्नरी चौराहा, एमडीए कार्यालय समेत जितने भी रास्ते हैं, सभी पर वाहनों को खड़े हुए देखा जा सकता है। जहां कचहरी परिसर के अंदर हजारों की संख्या में छोटे-बड़े वाहन खड़े रहते हैं, वही बाहरी क्षेत्र में भी इनकी संख्या हजारों तक पहुंच जाती है।
कचहरी परिसर के अंदर सरकारी अधिकारी कर्मचारी अधिवक्ता और न्याय कार्यों से जुड़े लोग अपने वाहन जहां-तहां खड़े कर लेते हैं। वहीं बाहरी क्षेत्र में प्रवेश द्वारों के पास बाहरी लोगों के वाहनों की पार्किंग के लिए दोनों बार की ओर से सुरक्षा की दृष्टि से ठेके छोड़े जाते हैं। नगर निगम की ओर से कचहरी क्षेत्र में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी है। वहीं इस समूचे क्षेत्र से हजारों की संख्या में नगर वासियों का भी अपने वाहनों से दिन भर आना जाना रहता है।
ऐसी स्थिति में कचहरी परिसर, कमिश्नरी पार्क, एमडीए आॅफिस समेत विभिन्न मार्गों पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है। कचहरी संवेदनशील क्षेत्र होने के आधार पर नागरिकों का कहना है कि कचहरी और उसके आसपास के क्षेत्र में वाहनों का इस प्रकार बेतरतीब खड़े रहना सुरक्षा की दृष्टि से बिल्कुल उचित नहीं है। इस और नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल ध्यान देकर वाहनों की पार्किंग के लिए व्यवस्था कराए जाने की आवश्यकता है।