- सेवा-पुस्तिका में जन्मतिथि में गड़बड़ी के दो ओर मामले सामने आए
- निगम के स्वास्थ्य विभाग में सफाई स्वच्छता मित्रों की नियुक्ति में गड़बड़ी
- पेंशन के दौरान बेटी की जन्मतिथि से 10 वर्ष-आउट सोर्सिंग के रूप में तैनाती के दौरान तीन वर्ष का अंतर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम में आउट सोर्सिंग स्वच्छता मित्रों की सेवा पुस्तिका में दर्ज जन्मतिथि को लेकर दो ओर बड़े मामले सामने आए हैं। जिसमें एक महिला स्वच्छता मित्र की जन्मतिथि एवं उसकी बेटी की जन्मतिथि में मात्र आठ वर्ष से भी कम का अंतर आ रहा है। जिसमें यह मामला निगम में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ एक कर्मचारी का 31 अक्टूबर को कार्यकाल पूरा हो रहा है, लेकिन अब वह अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र के आधार पर 5 वर्ष ओर बढ़ाने की मांग कर रहा है। उसके द्वारा भी निगम के अधिकारियों को इस संबंध में प्रार्थना पत्र दिया गया है।
नगर निगम में कार्यरत एक स्थाई सफाई कर्मचारी करीब 10 वर्ष पूर्व निगम सेवानिवृत हो गया था। जिसमें दिसंबर 2022 में उक्त सफाई कर्मचारी की मृत्यु हो गई। जिसके बाद मृतक की पत्नी एवं उसके परिवार में तीन बच्चे भी हैं। उक्त कर्मचारी की पेंशन उसकी पत्नी के नाम चढ़ गई। जिसमेें उक्त महिला की उम्र पेंशन के कागजों में 1 अगस्त 1974 दशाई गई हैं। जबकि उसके तीन बच्चों में जो सबसे बडी बेटी है, उसकी उम्र 1984 दशाई गई है। इसमें उक्त महिला आउट सोर्सिंग स्वच्छता मित्र के रूप में भी निगम में कार्य करती है। उक्त महिला पेंशन के साथ आउट सोर्सिंग पद पर लाभ ले रही है, वहीं उसकी जिस समय आउट सोर्सिंग में नियुक्ति हुई उसमें उसकी जन्मतिथि 1 अगस्त 1981 दर्शाई गई है।
जिसमं उसकी पेंशन एवं आउट सोर्सिंग कर्मचारी की नियुक्ति के दौरान करीब छह वर्ष का अंदर आ गया। जबकि उसकी बेटी की जो जन्मतिथि है,उसके अनुसार तो यदि मां बेटी के जन्म का अंतर देखा जाए तो मात्र तीन वर्ष का ही आ रहा है। नगर निगम में इस तरह के एक या तो नहीं न जाने कितने मामले स्वास्थ्य विभाग में सामने आ रहे हैं। पूर्व में भी इस तरह से सेवा पुस्तिका में दर्ज जन्मतिथि को लेकर मामले प्रकाश में आए। जिसमें जांच के नाम पर खानापूर्ति का फाइलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उधर एक स्वच्छता मित्र की जिस समय नियुक्ति हुई थी तो उस समय कोई कागज सेवा पुस्तिका में जन्मतिथि का नहीं लगाया गया, चिकित्सा विभाग से जो तिथि चिकित्सक के द्वारा निर्धारित की गई
उसके आधार पर तैनाती प्राप्त की। अब उसका सेवानिवृत होने का कार्यकाल 31 अक्टूबर को पूरा हो रहा है। अब उसके द्वारा स्वास्थ्य विभाग में एक प्राथमिक विद्यालय से जुडा एक प्रमाण पत्र दिखाया जा रहा है, जिसमें उसका कहना है कि अभी उसकी सेवानिवृति में पांच वर्ष शेष बचे हैं। आखिर सवाल उठता है कि अब तक उसने जो डयूटी की उस दौरान उसने वह जन्म प्रमाण पत्र संबंधी कागज निगम के स्वास्थ्य विभाग में क्यों उपलब्ध नहीं कराया। फिलहाल इस तरह के निगम में कई मामले इन दिनों चर्चाओं में बने हैं।
जब इस संबंध में उक्त महिला स्वच्छता मित्र के वार्ड सुपरवाइजर से इस संबंध में बात की तो उसने महिला के द्वारा पति की पेंशन लेने एवं उसके अपने वार्ड में स्वच्छता मित्र के रूप में कार्य करने की पुष्टि की, ओर कहा कि महिला पेंशन के दौरान आउट सोर्सिंग स्वच्छता मित्र के रूप में कार्य कर सकती है, लेकिन उसकी सेवा पुस्तिका में जन्मतिथि के मामले में क्या गड़बड़ी चल रही है,उसकी पुष्टि नहीं की। इस संबंध में जब प्रभारी नगर स्वास्थ्य प्रभारी से बात की तो उन्होंने बताया कि फिलहाल मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया, यदि इस तरह के मामले स्वास्थ्य विभाग में चल रहे हैं तो मामलों की जांच कराकर कार्रवाई कराई जायेगी।