- प्रभारी मंत्री के आदेश पर निलंबन से लेकर बहाली तक खूब बिछी राजनीति की बिसात
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तीन महीने पहले ऊर्जा निगम में अवर अभियंता के पद तैनाती के साथ अंडर ट्रेनिंग रहकर उखलीना बिजलीघर का काम देख रहे संदीप कुमार सिंह को निलंबित किए जाने से लेकर तीन दिन की अवधि में बहाली के दौरान मेरठ से लेकर लखनऊ प्रदेश मुख्यालय तक संगठन की शक्ति के साथ-साथ राजनीतिक बिसात भी देखने को मिली है। राज्य विद्युत जूनियर इंजीनियर परिषद के पदाधिकारियों की ओर से उच्चाधिकारियों के समक्ष जो पक्ष रखा गया,
उसके मुताबिक संदीप कुमार सिंह मूल रूप से मिर्जापुर जिले के रहने वाले हैं और अपनी पढ़ाई पूरी करके जून माह में ही ऊर्जा निगम में जेई के पर नियुक्ति मिली है। नई नियुक्ति पर आने वाले जेई को करीब एक साल की अवधि ट्रेनी के रूप में गुजारनी होती है। मेरठ में मिली तैनाती के दौरान उन्हें उपखंड तृतीय के अंतर्गत आने वाले उखलीना उपकेन्द्र पर भेज दिया गया।
जहां एसडीओ के अंडर रहकर ट्रेनिंग पूरी करने के साथ-साथ उन्होंने बकाया वसूली के लिए अभियान चलाया। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस उपकेन्द्र से जुड़े उपभोक्ताओं पर 18 लाख से अधिक के बिल बकाया थे। जिसमें से संदीप कुमार सिंह ने करीब 12 लाख की वसूली कराने में कामयाबी हासिल की।
इस दौरान उन्होंने एक बड़ी चूक यह की, कि बकाया वसूली अभियान के दौरान बकायादार के पक्ष में की जाने वाली किसी भी सिफारिश को मानने से इन्कार करते रहे। इसी का नतीजा यह हुआ कि क्षेत्र में राजनीति करने वाले लोगों को उनकी कार्यशैली नहीं भायी।
बीती चार सितंबर को मंडल के प्रभारी मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी के सामने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने जेई की शिकायत रखी, और उन्हें हटाने की मांग की। उन्हें बताया गया कि जेई ने 457 रुपये का बिल बकाया होने पर ही एक विधवा का कनेक्शन काट दिया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी मंत्री ने तत्काल जेई को निलंबित करने के आदेश ऊर्जा निगम के अधिकारियों को जारी कर दिए।
इन आदेशों का त्वरित पालन भी किया और अधीक्षण अभियंता के आदेश से संदीप कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया। तीन माह पहले ही विभाग में आए एक अंडर ट्रेनिंग जेई को इस प्रकार निलंबित किया जाना राज्य विद्युत जूनियर इंजीनियर परिषद के पदाधिकारियों को ठीक नहीं लगा और उन्होंने एकत्र होकर अधिकारियों के समक्ष संदीप कुमार सिंह का पक्ष रखा, और निलंबन वापस लेते हुए पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग उठाई।
मेरठ स्तर पर संगठन के स्तर से शुरू हुई यह कवायद जेई संदीप कुमार सिंह के गृह जनपद से होते हुए लखनऊ तक पहुंची। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक संदीप कुमार के परिजनों ने मिर्जापुर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मदद से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तक मामला पहुंचाया। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने इस संबंध में प्रभारी मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी से वार्ता की।
इसी के साथ पावर कारपोरेशन के चेयरमैन तक बात पहुंचाई। इसका परिणाम यह हुआ कि मेरठ में एमडी स्तर से अंतरिम जांच करते हुए उस महिला से बात की गई, जिसके कनेक्शन को काटे जाने की शिकायत की गई थी। सूत्र बताते हैं कि महिला ने अपना कनेक्शन चालू होने और इस मामले में जेई से कोई शिकायत न होने की बात कही।
इसी अंतरिम जांच के हवाले से जेई संदीप कुमार सिंह की बहाली करके उपखंड प्रथम के उपकेन्द्र जाहिदपुर में तैनात करने के आदेश अधीक्षण अभियंता के स्तर से जारी किए गए। हालांकि इस मामले में जेई के विरुद्ध जांच के लिए समिति बनाने और उसकी रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई किए जाने की औपचारिकता अभी बाकी है।