नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आज 5वीं पुण्यतिथि है। 14 जून 2020 को उनका यूं अचानक जाना पूरे देश के लिए एक गहरा सदमा था। उस दिन उनकी बॉडी मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में फंदे से लटकी मिली थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। सुशांत की मौत के बाद न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि आम जनता में भी आक्रोश और सवालों की बाढ़ आ गई थी। इस मामले में मुंबई पुलिस, ईडी, एनसीबी, सीबीआई और एनआईए तक ने जांच की।हालांकि, कई सालों की जांच के बाद इस साल केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने केस में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी।
सुशांत भले ही आज हमारे बीच में ना हो लेकिन उनके द्वारा निभाए गए यादगार किरदार आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं। उन्होंने पर्दे पर एक से बढ़कर एक दमदार रोल किए। कभी वो छोटे पर्दे पर शांत, भोले और मासूम से मानव बनकर आए तो कभी बड़े पर्दे पर एमएस धोनी बनकर चौके-छक्के लगाते हुए नजर आए। सुशांत ने अपने हर किरदार के लिए कड़ी मेहनत की। ऐसे में चलिए जानते है ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में, जिनमें सुशांत ने साबित कर दिया कि मेहनत और लगन के दम पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
काई पो छे
चेतन भगत के नॉवेल ‘द 3 मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ’ पर आधारित यह फिल्म सुशांत के लिए एक बड़ी कामयाबी साबित हुई। यह फिल्म उनके करियर की शुरूआत थी, जिसके लिए उन्हें कई ऑडीशंस के बाद सिलेक्ट किया गया। फिल्म में सुशांत ने ईशान भट्ट के किरदार को निभाया था, जो एक काबिल क्रिकेटर है और क्रिकेट की राजनीति का शिकार हो जाता है। इस फिल्म के लिए सुशांत ने क्रिकेट की छोटी-छोटी बारीकियां सीखी थीं। सुशांत ने खुद को रोल में ढालने के लिए एक-एक शॉट पर जमकर प्रैक्टिस की थी।
डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी
साल 2015 में आई दिबाकर बनर्जी की इस फिल्म ने सुशांत के करियर को बड़ा झटका दिया। बंगाली लेखक शरदेंदु बंदोपाध्याय की ये कहानी तो अच्छी रही और सुशांत ने इस किरदार के लिए मेहनत भी काफी की। फिल्म की दिक्कत थी इसका बंगाल में सेट होना और फिल्म की धीमी रफ्तार। फिल्म तो नहीं चली लेकिन इसमें सुशांत की मेहनत की काफी तारीफ हुई। सुशांत ने ब्योमकेश के किरदार को समझने के लिए दिबाकर बनर्जी से बातचीत की और बंगाली लुक और तौर-तरीकों को समझने की कोशिश की। खुद के कैरेक्टर को बंगाल की पृष्ठभूमि में ढालना सुशांत के लिए एक चुनौती थी, लेकिन उन्होंने बखूबी इसे पूरा किया।
एम एस धोनी
फिल्म ‘एमएस धोनी’ में एक बार फिर सुशांत को क्रिकेटर की जिंदगी को पर्दे पर उतारना था। इस बार कहानी सिर्फ रील नहीं बल्कि रियल की थी। क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के किरदार को सुशांत ने अपनी रियल लाइफ में इस कदर उतारा कि वो बिल्कुल माही जैसा चलने का स्टाइल, उनके जैसे लंबे बाल, उनका फेवरेट हेलीकॉप्टर शॉट, उनका बैट पकड़ने का अंदाज, सुशांत ने सबकुछ हू ब हू कॉपी कर लिया। इस रोल में खुद को ढालने के लिए सुशांत ने महेंद्र सिंह धोनी के साथ काफी समय बिताया था। साथ ही क्रिकेटिंग शॉट्स की भी धड़ल्ले से प्रैक्टिस की थी।
राब्ता
कृति सेनन के साथ फिल्म राब्ता में भी सुशांत सिंह राजपूत के काम भी जमकर तारीफ हुई। उनकी फिल्म बेशक कुछ खास कमाल नहीं कर पाई लेकिन उनके किरदार ने थिएटर्स में खुब सीटियां और तालियां बटोरीं। सुशांत ने फिल्म राब्ता के लिए कुछ खास चीजें सीखीं। उन्हें कुछ समय के लिए बैंकॉक में एडवांस हथियार और जिमनास्टिक प्रशिक्षण के लिए जाना पड़ा था। इसके अलावा उन्होंने पुनर्जन्म की थीम वाली इस फिल्म के लिए उन्हें दो अलग-अलग किरदारों को एक साथ निभाना था। दोनों का स्टाइल एकदम अलग था लेकिन बावजूद इसके सुशांत ने काफी सुंदर तरीके से इसे पर्दे पर पेश किया।
केदरनाथ
फिल्म ‘केदारनाथ’ में सुशांत के रोल को भला कौन भूल सकता है। आज भी भोलेनाथ का जय हो जय हो शंकरा गाना सुनाई देता है तो सबसे पहले सुशांत का ही चेहरा सामने आता है। इस फिल्म के लिए सुशांत ने पहले तो उत्तराखंड की संस्कृति, जीवन शैली और रीति-रिवाजों का अध्ययन किया। उन्होंने फिल्म के लिए जरूरी भाषा और बोली भी सीखी। इसके अलावा सुशांत ने फिल्म के लिए केदारनाथ धाम की यात्रा की और वहां के धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव किया। उन्होंने यात्रियों की भावनाएं और यात्रा के दौरान आने वाली कठिनाइयों को समझा। सुशांत ने फिल्म में अपने किरदार ‘पिट्ठू’ के लिए गढ़वाली भाषा भी सीखी।
सोन चिड़िया
इस फिल्म के लिए सुशांत ने चंबल क्षेत्र की स्थानीय भाषा में महारत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने चंबल की संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं को समझने के लिए स्थानीय लोगों के साथ समय बिताया। फिल्म ‘सोन चिड़िया’ में सुशांत के प्रदर्शन ने साबित कर दिया कि वो एक प्रतिभाशाली अभिनेता हैं और अपने किरदारों में खुद को पूरी तरह से ढालने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं
छिछोरे
इस फिल्म में सुशांत ने पहले तो सभी को सिखाया कि जीवन में हार-जीत और सफलता-असफलता से परे रहकर खुद की जिंदगी जीनी होती है। इस फिल्म में भी सुशांत ने अपनी एक्टिंग से करोड़ों लोगों का दिल जीता था। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट साबित हुई थी।