नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। आज यानि 22 अप्रैल को प्रति वर्ष भारत समेत 195 से ज्यादा देश में विश्व पृथ्वी दिवस मनाते है। हर वर्ष अर्थ डे मनाने का उदेश्य है पृथ्वी और इसके वातावरण को संरक्षित करने के लिए लोगों को जागरूक करना। इस वर्ष 2023 में विश्व पृथ्वी दिवस का 53वां आयोजन होगा। तो आइये जानते है 22 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है पृथ्वी दिवस….
विश्व पृथ्वी दिवस की शुरुआत
पृथ्वी दिवस की शुरुआत की बात करें तो साल 1970 से हुई थी। पृथ्वी दिवस की सर्वप्रथम कल्पना अमेरिकी पॉलिटिशियन और पर्यावरण एक्टिविस्ट सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन द्वारा की गई थी।
विश्व पृथ्वी दिवस का उदेश्य
विश्व पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना है। विकास के इस दौड़ में पर्यावरण के सुरक्षा करना काफी ज्यादा जरूरी है। बता दें कि पृथ्वी की सुरक्षा करना इतना आसान नहीं है। इसमें कई तरीके की बाधाएं आती हैं। वहीं कई बार बड़ी चुनौतियां का भी सामना करना पड़ता है। पृथ्वी को ज्यादा नुकसान ना पहुंचे ऐसे में लोगों तक जानकारी पहुंचाना काफी जरूरी हैं।
22 अप्रैल को ही क्यों मनाया गया यह दिवस
आज के दिन के लिए अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने विशेष प्रयास किया था। वे चाहते थे कि इस दिवस पर कॉलेज के कैम्पस से ज्यादा से ज्यादा छात्र भागीदारी करें। इसके लिए 19 से 25 अप्रैल के बीच का समय उन्हें सबसे सही लगा।
क्योंकि इस समय ना तो कॉलेज में परीक्षाएं थीं, ना ही गर्मी की छुट्टियां पड़ रही थीं और ना ही कोई धार्मिक त्योहार की बाधा थी। इसलिए ज्यादा छात्रों की उपस्थिति के लिए उन्होंने 22 अप्रैल को चुना। इसके बाद से विश्व पृथ्वी दिवस के लिए 22 अप्रैल की तारीख हमेशा के लिए तय हो गई।
वर्ष 2023 की थीम
इस साल वर्ल्ड अर्थ डे की थीम है, ‘इन्वेस्ट इन आवर प्लांट, मतलब ‘हमारे ग्रह में निवेश करें’। इसमें मुख्य बिंदु (की प्वाइंट) है पर्यावरण संरक्षण के लिए मौजूदा चुनौतियों को जान कर उन्हें खत्म करने के उपायों पर विचार-विमर्श करना है।
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