Friday, July 5, 2024
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कल नवरात्रि के तीसरे दिन करें माँ चंद्रघंटा की आराधना

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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका अभिनन्दन और स्वागत है। आज नवरात्रि का तीसरा दिन है। आइये जानते हैं कि मां चंद्रघंटा की कैसे करें आराधना और पूजा, कौन से मन्त्रों का करें जाप। यह देवी पार्वती का विवाहित रूप है। भगवान शिव से शादी करने के बाद देवी महागौरी ने अर्ध चंद्र से अपने माथे को सजाना प्रारंभ कर दिया और जिसके कारण देवी पार्वती को देवी चंद्रघंटा के रूप में जाना जाता है। वह अपने माथे पर अर्ध-गोलाकार चंद्रमा धारण किए हुए हैं। उनके माथे पर यह अर्ध चाँद घंटा के समान प्रतीत होता है, अतः माता के इस रूप को माता चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है।

देवी मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

कैसे करें पूजा

मां चंद्रघंटा प्रेतबाधा से भी रक्षा करती हैं। अगर आप देवी चंद्रघंटा की विधि विधान से पूजा करती हैं तो आप भय मुक्‍त होती हं साथ ही आपके व्‍यवहार में सौम्‍यता आती है।

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तिथि: चैत्र /अश्विन शुक्ल तृतीया
सवारी: बाघिन
अत्र-शस्त्र: दस हाथ – चार दाहिने हाथों में त्रिशूल, गदा, तलवार और कमंडल तथा वरण मुद्रा में पाँचवां दाहिना हाथ। चार बाएं हाथों में कमल का फूल, तीर, धनुष और जप माला तथा पांचवें बाएं हाथ अभय मुद्रा में।
मुद्रा: शांतिपूर्ण और अपने भक्तों के कल्याण हेतु।
ग्रह: शुक्र
शुभ रंग: चैत्र – सफेद /अश्विन – गहरा नीला

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