- तबादलों पर लगी रोक हटने से शिक्षकों ने जाहिर की खुशी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महीनों से तबादले के आस लगाए शिक्षकों को अंतर्जनपदीय स्थानातंरण से नई ऊर्जा का संचार मिलेगा। और वह नई ऊर्जा के साथ बच्चों को शिक्षित करेंगे। ये बात सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अंतर्जनपदीय स्थानातरण प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाने पर जनवाणी टीम से बात करते हुए शिक्षकों ने कही।
उन्होंने कहा कि कही महीनों से शिक्षक तबादलों की आस लगाए हुए थे, लेकिन तबादला न होने के कारण कही न कही वह तनाव में होकर कार्य कर रहे थे। अन्य जिलों में तबादला होने से वह सभी अब तनाव मुक्त होकर कार्य कर पाएंगे। वहीं शिक्षिकाओं ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न हुई परिस्थितियों में घर को छोड़कर विद्यालय आना पड़ता था, लेकिन अब सरकार के फैसले से प्रक्रियाओं के तहत उनको राहत मिल पाएगी।
बता दें कि रविवार को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हटा दिया है। जिससे कि कही महीनों से दूसरे जिलों में तबादले की उम्मीद लगाए शिक्षकों को अब राहत मिल गयी हैं। तबादलों के लिए आॅनलाइन आवेदन करने वाले शिक्षकों के आवदेनों को नियम अनुसार स्वीकार करते हुए तबादला कर दिया जाएगा।
मेरठ जनपद की बात की जाए तो लगभग 200 से ज्यादा ऐसे शिक्षक है, जिन्होंने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया हुआ है, लेकिन कोरोना संकट के कारण लगी रोक से उन सभी की आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब उनके आवेदकों की गंभीरता को देखते हुए उनका स्थानांतरण कर दिया जाएगा।
दरअसल प्रक्रिया में 28,306 महिला तथा 25,814 पुरुष शिक्षक लाभान्वित हुए हैं। इनमें 917 शिक्षक-शिक्षिकाएं सशस्त्र बलों के जवानों के परिवारों से जुड़े हैं, जिन्हें यह सुविधा प्राथमिकता के आधार पर बिना शर्त प्रदान की गई। इनके अलावा, दिव्यांगजन श्रेणी के 2,285 स्थानान्तरण सम्बन्धी आवेदन पत्रों को स्वीकार करते हुए उन्हें स्थानान्तरित किया गया तथा गंभीर व असाध्य बीमारी से ग्रसित 2,186 लोगों को स्थानान्तरण का लाभ दिया गया हैं। हालांकि इस प्रक्रिया में अभी दो माह का समय लगेगा। शासन ने प्रक्रिया के लिए तिथि का विवरण जारी कर दिया है।
सहायक अध्यापिका खरखौदा स्थित अजराड़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका पूनम वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों के हित में लिया गया फैसला योग्य है। इस प्रक्रिया के तहत काफी शिक्षकों को राहत मिलेगी। जो विपरीत परिस्थितियों के बाद भी अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक शंभु दत्त शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अध्यापक-अध्यापिकाओं के अंर्तजनपदीय स्थानातंरण की घोषणा पर क्रियान्वयन से अध्यापक समाज में नई ऊर्जा कां संचार सा हो गया हैं। उन्होंने कहा कि यदि अध्यापक को अपने निवास के पास कार्य क्षेत्र के समीप होता है तो वह अत्याधिक उत्साह एवं ऊर्जा से अपने कार्य को करता हैं। उन्होेंने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
सराय वहलीम कपोजिट विद्यालय के प्राधानाध्यापक साबिर खान ने कहा कि अंर्तजनपदीय तबादलों के करने के आदेश से बेसिक शिक्षा परिसर में हर्ष की लहर हैं। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के सफल नेतृत्व में यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। शिक्षक नवीन स्थान पर जाकर बेसिक शिक्षा में हो रहे ऐतिहासिक कार्यों को पूर्ण कर्तव्यों के साथ निर्वहन करने में सक्षम होंगे। महानिदेशक राज्य परियोजना द्वारा जो कार्य शिक्षकों के लिए शिक्षा हित में किए जा रहे है। अंतर्जनपदीय तबादलों के बाद उन्हे बाद में बल मिलेगा। शिक्षकों का उनके गृह जनपद में स्थानंतरण होना अच्छा कदम है।
दौराला स्थित मिठेपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक विकेश कुमार ने कहा कि शिक्षक हित में कोरोना काल में ये बहुत बड़ा फैसला लिया है। इससे शिक्षकों का अपने घर के समीप तबादला होगा। जिससे बहुत हद तक शिक्षकों की व्यक्तिगत समस्याओं का भी समाधान हो जाएगा। उन्होंने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री व प्रदेश सरकार का आभार भी जताया।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलामहामंत्री डा. छोटूराम ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अंतर्जनपदीय स्थान्तरण प्रक्रिया को पुन: शुरू करना शिक्षक हित में अभूतपूर्व निर्णय है। कोरोना काल में बच्चे विद्यालय में भी नही जा रहे हैं। ऐसे समय में शिक्षकों का उनके गृह जनपद में स्थानंतरण होना अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कई बार ज्ञापन देकर इस प्रक्रिया को आरम्भ करने का अनुरोध मुख्यमंत्री व बेसिक शिक्षा मंत्री से किया था।
सहायक अध्यापिका अर्चना शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण की घोषणा ने शिक्षकों में नई ऊर्जा प्रदान करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक के अपने निवास स्थान के निकटतम विद्यालय में होने से कार्य दक्षता प्रभावित होती है। यदि शिक्षक तनावमुक्त रहें तो वह अपने कार्य को अत्यधिक रुचि, उत्साह एवं ऊजार्वान होकर सकारत्मक ढ़ंग से सम्पादित करेंगे। परिणाम स्वरूप शैक्षिक गुणवत्ता में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है।