- लावड़ का है मामला, अवैध निर्माणकर्ताओं से मांगी अवैध उगाही
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेडा में भ्रष्टाचार का सिलसिला थम नहीं रहा हैं। ऐसा तब है जब प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय पूरी सख्ती किये हुए हैं। सोमवार को प्राधिकरण उपाध्यक्ष के पास लावड़ का एक मामला पहुंचा, जहां पर अवैध निर्माणकर्ता से मेडा के दो अनुचार अवैध उगाही की मांग कर रहे थे। पीड़ित वीसी से मिले, जिसके बाद वीसी ने दोनों कर्मचारियों को अपने आॅफिस में बुलाया, फिर एंटी करप्शन की टीम को भी बुला लिया।
टीम को दोनों कर्मचारियों को सुपुर्द कर दिया। कहा गया कि मेडा में अनुचर के पद पर कार्यरत वेदप्रकाश और सुदेश ने चार हजार की रिश्वत मांगी है, जिसका संज्ञान लेते हुए दोनों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। यही नहीं, दोनों को एंटी करप्शन की टीम के सुपुर्द कर दिया। इसी मामले को लेकर मेडा वीसी ने एक पत्र एसएसपी को भेजा हैं, जिसमें भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच करने के लिए कहा हैं। कहा है कि कुछ लोगों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
इसकी जांच कर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करें। एसएसपी ने इस मामले में जांच बैठा दी हैं। एंटी करप्शन की टीम ने भी दोनों कर्मचारियों से पूछताछ की। मेडा के दो कर्मचारी रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस प्रकरण को लावड़ से जुड़ा बताया गया है। प्राधिकरण वीसी अभिषेक पांडेय ने दोनों को सस्पेंड कर दिया है।
मेडा के दो कर्मचारी कस्बा लावड़ क्षेत्र में अवैध उगाही करते थे, जिनके खिलाफ शिकायती पत्र कस्बावासियों द्वारा मेडा के वीसी अभिषेक पांडेय को दिया है। शिकायती पत्र के आधार पर प्राधिकरण अधिकारी ने जानकारी की जांच में दोषी पाए गए कर्मचारियों को सस्पेंड कर पुलिस को सौंप दिया गया। भ्रष्टाचार के मामले में मेरठ विकास प्राधिकरण के दो कर्मचारी पकड़े गए।
हालांकि अभी तक दोनों अनुचरों के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई मामला फिलहाल दर्ज नहीं हुआ हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी सूरत में किसी भी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। इसमें पहले भी कार्रवाई की जा चुकी हैं, लेकिन मेडा कर्मचारी बाज नहीं आ रहे हैं।