- अंडरपास निर्माण के लिए खुदाई शुरू, मिलेगी राहत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भूड़बराल और आसपास के गांवों के लोगों के लिए अच्छी खबर है। भूड़बराल रेलवे फाटक बंद होने वाली दिक्कतों से उन्हें शीघ्र निजात मिलने वाली है। यहां अंडरपास निर्माण के लिए खुदाई शुरू कर दी गई। फाटक बंद होने पर कुछ लोगों द्वारा बूम के नीचे से निकलकर रेलवे लाइन पार करते समय ट्रेन की चपेट पर आकर होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगने की उम्मीद जताई जा रही है। रेलवे फाटक बंद होने पर लोग साइकिल व दुपहिया वाहन लेकर फाटक के बूम के नीचे से निकलकर रेलवे लाइन पार करते हैं। ऐसे में हर वर्ष अनेक लोग ट्रेन की चपेट में आकर मौत की नींद सो जाते हैं।
लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ने रेलवे फाटकों पर अंडरपास और ओवरब्रिज के निर्माण की योजना बनाई है। इस योजना में इस वर्ष के बजट में दिल्ली, टपरी, सहारनपुर रेलवे ट्रैक पर रेलवे ने ग्राम भूड़बराल में रेलवे फाटक के नीचे अंडरपास के निर्माण कराने को भी शामिल किया था। गत माह अंडरपास के निर्माण के लिए टेंडर भी छोड़ दिया गया। अब भूड़बराल में अंडरपास के निर्माण के लिए रेलवे की भूमि पर खुदाई शुरू कर दी गई। करीब 15 करोड़ की लागत से उक्त अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। इसके नीचे से 11 फीट की ऊंचाई तक वाहन गुजर सकेंगे। इससे अधिक ऊंचाई वाले वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए अंडरपास की दोनों ओर हाइट गेज लगाए जाएंगे। अंडरपास में सीमेंट की रोड बनाई जाएगी।
सैनिक विहार का डिवाइडर क्षतिग्र्रस्त, अफसर नींद में
मेरठ: सैनिक विहार का डिवाइडर क्षतिग्रस्त हैं। जगह-जगह से टूट चुका हैं, लेकिन नगर निगम इसको नहीं बनवा रही हैं। दरअसल, सैनिक विहार कॉलोनी मेरठ विकास प्राधिकरण के हैंडओवर हो चुकी हैं। जितनी कॉलोनी प्राधिकरण की नगर निगम में हैंड ओवर हुई हैं, उनकी सड़कों की मरम्मत, डिवाइडर की मरम्मत करने के लिए एक मुश्त धनराशि प्राधिकरण ने नगर निगम को दे दी हैं। फिर भी नगर निगम इनकी मरम्मत नहीं करा रह हैं। इसकी शिकायत पार्षदों ने भी निगम अफसरों से की हैं, लेकिन इसके बाद भी निगम अफसरों की नींद नहीं टूटी हैं। सरधना रोड से एनएच-58 को जोड़ने के लिए सैनिक विहार में एक डिवाइडर लगाकर रोड का निर्माण प्राधिकरण ने किया था।
वर्तमान में ये डिवाइडर जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका हैं। लाखों की लागत से इसका निर्माण हुआ था। अब इसकी मरम्मत तक नहीं कराई जा रही हैं। मरम्मत होने के बाद फिर से ये डिवाइडर नया हो जाएगा। अब तो डिवाइडर की र्इंटे भी गायब हो गई हैं, मगर नगर निगम अफसरों की नींद नहीं टूट रही हैं। सौंदर्यीकरण तो दूर प्राधिकरण के जो कार्य थे, उन्हें ही नगर निगम नहीं संभाल पा रहा हैं। पार्क की हालत खराब हैं। पार्क की मेंटीनेस भी नगर निगम नहीं कर पा रहा हैं। पार्षद ने जब इसकी शिकायत की तो बताया गया कि पार्क की देखभाल करने वाले माली नहीं हैं, जिसके चलते पार्क की हालत और भी खराब होना लाजिमी हैं।
वेदव्यासपुरी: सड़कों का है बुरा हाल
वेदव्यासपुरी की क्षतिग्रस्त सड़कों की सुध नहीं लग रहा है नगर निगम। वेदव्यासपुरी कॉलोनी नगर निगम के हैंडओवर हो चुकी हैं। ये योजना मेरठ विकास प्राधिकरण की थी, लेकिन कुछ समय पहले ही ये नगर निगम को हैंडओवर हो चुकी हैं। मुख्य डिवाइडर रोड भी क्षतिग्रस्त हैं, जो दिल्ली रोड को आपस में जोड़ती हैं। ये सड़क एनएच-58 से आरंभ होती हैं, इसको ठीक करने की मांग लंबे समय से चली आ रही हैं। हैंडओवर करने से पहले सड़क का निर्माण नये सिरे से कर देना चाहिए था, वो नहीं किया गया। सड़क में जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं।
पैदल चलना भी दूभर हैं, मगर फिर भी यहां आवागमन बहुत ज्यादा हैं। लोग मेडा और फिर नगर निगम अफसरों को भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सड़क के गड्ढे नहीं भरे जा रहे हैं। सड़क का तो बुरा हाल है ही, साथ ही डिवाइडर भी क्षतिग्रस्त हैं। इसकी सुध कब ली जाएगी? इसको लेकर कॉलोनी के लोग उम्मीद बांधे हुए हैं। डिवाइडर रोड से ही कई कॉलोनियां प्राइवेट भी कनेक्ट हैं, इसके बावजूद सड़क का नये सिरे से निर्माण नहीं किया जा रहा हैं। राइट साइड में वेदव्यासपुरी कॉलोनी हैं, जबकि लेफ्ट हैंड पर प्राइवेट कॉलोनियां हैं। एक दर्जन प्राइवेट कॉलोनी हैं, जिनका आवागमन इसी रोड से हैं। फिर भी इसे ठीक नहीं किया जा रहा हैं।