Tuesday, July 9, 2024
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विवि परीक्षा: गोला बनाकर छात्रों का प्रवेश कराया

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  • कुछ केंद्रों पर नहीं हुआ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
  • दो नकलची पकड़े, बिना मास्क के भी केंद्रों पर पहुंचे परीक्षार्थी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: चौधरी चरण सिंह विवि से संंबंधित मेरठ और सहारनपुर मंडल के 210 परीक्षा केंद्रों पर सावधानी के साथ तीन पालियों में  यूजी-पीजी अंतिम वर्ष की परीक्षा शुरू हुई। परीक्षा के दौरान जहां केंद्रों पर सफेद गोला बनाकर छात्रों का प्रवेश कराया गया। वहीं, कुछ केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता नजर नहीं आया।

बता दें कि कोविड-19 के चलते विवि की परीक्षाओं को मार्च में स्थगित कर दिया गया था। परीक्षाओं को फिर से शुरू कराने को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी हुआ है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश आने के बाद परीक्षाएं शुरू हो गई। जिले में यह परीक्षा 30 केंद्रों पर हुई।

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तीन पालियों में हुई परीक्षा में जहां कुछ केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन देखने को मिला, वहीं कुछ केंद्रों पर विवि के आदेशों की धज्जियां उड़ती नजर आई। विवि नियमानुसार केद्रों पर एक कक्ष में केवल 20 छात्रों को ही बैठा कर परीक्षा दिलानी थी, लेकिन एक कमरे में 50 छात्र भी परीक्षा देते नजर आए।

केंद्रों पर छात्रों के लिए अलग-अलग लाइन की व्यवस्था की गई थी। थर्मल स्क्रैनिंग के साथ विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। मुख्य द्वार पर रिकॉर्डिंग भी की जा रही थी। परीक्षा के मास्क और सैनिटाइजर अनिवार्य किया गया था। वहीं, परीक्षा के पहले दिन ही दो नकलची भी पकड़े गए।

जिले में दो केंद्रों पर हुई जेईई मेन परीक्षा

मेरठ जिले में ज्वाइंट एंट्रेंस एक्जामिनेशन (जेईई) मेंस की परीक्षा दो केंद्रों पर हुई। गंगानगर स्थित प्राइवेट यूनिवर्सिटी और एफआईटी में सुबह नौ बजे से परीक्षा का आयोजन किया गया। सुबह 7:30 बजे से सेंटर पर अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाना शुरू हो गया था।

मेन गेट पर थर्मल स्कै्रनिंग के बाद सभी को मास्क और ग्लव्स दिए गए। परीक्षा को लेकर गेट के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग घेरे बनाए गए थे।

बता दें कि पहली पारी की परीक्षा नौ बजे से शुरू होकर दोपहर 12 बजे खत्म होगी। पहले दिन बीआर्क के लिए 150 के करीब छात्रों ने परीक्षा दी। दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर तीन से शाम छह के बीच हुई। जिसमें 150 के करीब छात्र-छात्राएं शामिल हुए। वहीं, छह सितंबर तक चलने वाली इस परीक्षा में 4108 छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण किया था। परीक्षा को लेकर छात्र-छात्राएं उत्साहित नजर आए।

उनका कहना था कि लंबे समय से वे परीक्षा का इंतजार कर रहे थे। वहीं, अभिभावकों ने भी कहा कि दो बार परीक्षा पहले ही टल चुकी थी और इसको टाला जाना सही नहीं था। बच्चों के भविष्य का सवाल है, इसलिए परीक्षा आयोजित कराया जाना जरूरी था। पहली शिफ्ट में 168 पंजीकृत थे।

जिसमें से 99 छात्र पेपर देने पहुंचे और 69 छात्र अनुपस्थित रहे। दूसरी पाली की बात करें तो उसमें 175 छात्रों को परीक्षा देने पहुंचना था, लेकिन जिसमें से 110 छात्र परीक्षा के लिए पहुंचे और 65 अनुपस्थित रहे। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो परीक्षा को लेकर पूरे इंतजाम किए ताकि कोई परेशानी न हों।

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