जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से यूपी बोर्ड परीक्षा 2023 की डेट शीट अभी जारी नहीं की गई है, लेकिन कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल की घटनाएं रोकने के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। बोर्ड अधिकारी परीक्षाओं से पहले ही नकल माफिया की नकेल कसने में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही परीक्षार्थियों को परीक्षा देने के लिए दूरदराज के केंद्रों तक की भाग-दौड़ न करनी पड़े, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।
नजदीक होंगे परीक्षा केंद्र
परीक्षा केंद्र दूर बनने के कारण परीक्षार्थियों को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इसे देखते हुए ही अब इस बार परीक्षा केंद्रों की जियो टैगिंग करवाई गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की ओर से परीक्षा में परीक्षार्थियों के लिए सहज-सुलभ व्यवस्था ओर नकल संबंधी घटनाओं पर सख्ती बरतने के विशेष निर्देश हैं।
नकल रोकने के पूरे बंदोबस्त
विद्यालयों में बाउंड्रीवाल, सीसीटीवी कैमरे, कमरों में प्रकाश व्यवस्था, लाइव टेलिकॉस्ट की व्यवस्था, पेपर की सुरक्षा के लिए डबल लॉक अलमारी समेत बोर्ड परीक्षा के लिए आवश्यक अन्य संसाधनों की उपलब्धता की सुनिश्चित करना अनिवार्य किया गया है। 2023 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में बोर्ड ने संवेदनशील जिलों में सिलाई वाली उत्तर पुस्तिकाएं भेजने का निर्णय लिया है। पूर्व की परीक्षाओं में नकल माफिया पेपर खत्म होने के बाद केंद्र पर मेधावी बच्चों की कॉपी का कवर पृष्ठ निकालकर कमजोर बच्चों की कॉपी पर लगा देते थे। अब ऐसा नहीं हो सकेगा और चोरी पकड़ी जाएगी।
नकल माफिया उठाते थे फायदा
अभी तक बोर्ड परीक्षा में मिलने वाली कॉपियों के पन्ने अभी तक स्टेपल किए गए होते हैं। जिसके चलते उन्हें निकालना आसान होता है। नकल माफिया इसका फायदा उठाते थे। कमजोर या नकल के बल पर पास होने वाले छात्रों से पैसे लेकर मेधावी छात्रों की कॉपियां बदल देते थे। इस मामले में ज्यादातर बच्चे कुछ नहीं कर पाते थे। अब सिलाई वाली कॉपी के पन्ने बदलना आसान नहीं होगा। इससे बचने के लिए 2020 की बोर्ड परीक्षा से नकल की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों में 10वीं-12वीं की सिलाई वाली उत्तर पुस्तिकाएं भेजने की शुरुआत की गई थी।