Tuesday, July 9, 2024
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यूपी: मंत्री जितिन और ​ब्रजेश पाठक नाराज, दिनेश खटिक के इस्तीफे की चर्चा

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: यूपी में योगी सरकार के 100 दिन का कार्यकाल पूरा होते ही मंत्रियों में खींचतान शुरू हो गई है। सबसे ज्यादा सरकार किरकिरी तब हुई जब लोकनिर्माण विभाग ने मृतक कर्मचारियों के भी तबादले का आदेश जारी कर दिया। सोने पर सुहागा स्वास्थ्य विभाग ने किया, बिना स्वास्थ्य मंत्री के आदेश दिए तबादलों की झड़ी लगा दी गई।

और फिर जलशक्ति मंत्रालय ने अपने राज्यमंत्री को इसलिए खफा कर क्योंकि कैबिनेट मंत्री राज्यमंत्रियों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। पता तो यहां तक चला है कि राज्यमंत्रियों को काम तक नहीं दिया गया अब वे 100 दिन के बाद जनता को अपनी उपलब्धियां क्या बताएं। ऐसे में योगी सरकार में यह कहना सब ठीक चल रहा है मुनासिब नहीं होगा।

मंगलवार दोपहर से ही खबर उड़ती रही कि प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश खटिक ने इस्तीफा दे दिया है और वे कहीं अज्ञात जगह पर चले गए हैं। हालांकि मंत्री जी का नंबर नहीं लग रहा है। परंतु राज्यपाल और मुख्यमंत्री के दफ्तर में फिलहाल इस्तीफा नहीं मिला है। इस बारे कैबिनेट जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह का कहना है कि दिनेश खटिक से मेरी रोज बातचीत होती है। कोई नारजगी नहीं है। इस्तीफे के सवाल पर बोले इसकी कोई जानकारी मुझे नहीं है।

तबादलों को लेकर नाराज चल रहे जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की खबर ने मंगलवार रात सत्ता के गलियारों में हलचल मचा दी। खटीक का आरोप है कि जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने उनकी संस्तुति पर एक भी तबादला नहीं किया। खटीक से संपर्क करने पर उनका मोबाइल बंद था। सूत्रों के मुताबिक, वह सरकार के सौ दिन पूरे होने के बाद भी कामकाज न मिलने से नाराज थे।

पीडब्ल्यूडी में तबादलों में गड़बड़ियों पर कार्रवाई के तौर-तरीके पर लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद भी नाराज बताए जा रहे हैं। जितिन सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले व बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर अपनी बात रखेंगे।

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए और योगी सरकार में मंत्री बनाए गए जितिन प्रसाद के पीडब्ल्यूडी विभाग में हुए ट्रांसफर में ऐसे अधिकारियों का भी तबादला कर दिया गया था, जो जीवित भी नहीं हैं। जूनियर इंजीनियर घनश्याम दास का तबादला झांसी कर दिया गया था, जिनका तीन साल पहले ही निधन हो चुका है। इसी तरह से राजकुमार का तबादला इटावा से ललितपुर जिले में कर दिया गया था जबकि इस नाम कोई शख्स विभाग में है ही नहीं. ऐसे ही कई कर्मचारियों का तबादला तब बहुत दूर कर दिया गया, जब वे एक-दो साल के अंदर ही रिटायर होने वाले थे।

योगी सरकार में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के स्वास्थ्य मंत्रालय में भी ट्रांसफर का खेल सामने आया था। स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों पर काफी आपत्तियां आईं थीं। डॉक्टर्स ने आरोप लगाए थे कि तबादला नीति को दरकिनार करके ट्रांसफर किए गए। एक जिले में तैनात पति-पत्नी का ट्रांसफर अलग-अलग जिलों में कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग में हुए ट्रांसफर पर खुद मंत्री ब्रजेश पाठक ने सवाल उठाए थे। उन्होंने इस मामले में विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से जवाब भी तलब किया था। इसके बाद सीएम योगी ने तबादलों पर जांच बैठा दी है।

राज्यमंत्री दिनेश खटीक का आरोप है कि बतौर राज्यमंत्री विभाग में उन्हें कोई काम नहीं दिया गया है। उनके करीबी ने बताया कि बीते दिनों उन्होंने विभाग के कुछ इंजीनियरों के तबादले की सिफारिश की थी, लेकिन एक का भी तबादला नहीं हुआ। खटीक जब भी विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव और सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव अनिल गर्ग को किसी काम से फोन करते थे तो दोनों अधिकारी यह कहते हुए असमर्थता जाहिर करते थे कि आप कैबिनेट मंत्री से बात कीजिए।

दिनेश खटीक के सरकारी आवास पर तैनात गार्ड ने बताया कि राज्यमंत्री दोपहर मंत्रिपरिषद की बैठक में शामिल होने गए थे। उसके बाद से आवास पर नहीं लौटे। चर्चा रही कि खटीक सरकारी गाड़ी व सुरक्षा छोड़कर चले गए हैं। उनके जनसंपर्क अधिकारी ने इस्तीफे की पुष्टि नहीं की। राजभवन ने भी इस्तीफा न मिलने की बात कही है। सूत्रों का कहना है कि जितिन भी बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं।

लोक निर्माण विभाग में तबादलों में भ्रष्टाचार पर अफसरों पर गाज गिरने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को नसीहत दी है कि वे अपने दफ्तर और निजी स्टाफ पर आंखें बंद कर के भरोसा ना करें। उन्होंने कहा कि अपने दफ्तर और घर के स्टाफ पर नजर रखें। मंत्री ध्यान रखें कि उनका स्टाफ क्या कर रहा है। मंगलवार को लोक भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करें।

भ्रष्टाचार और अनियमितता की एक भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तबादलों में खेल को देखते हुए सीएम ने कहा कि फाइल पर जल्दबाजी में दस्तखत न करें। कोई भी फैसला मेरिट के आधार पर ही करें। साथ ही योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कैबिनेट मंत्री अपने राज्य मंत्रियों के साथ समन्वय रखें और विभागीय कामकाज में उनका भी सहयोग लें और बैठकों में शामिल भी करें।

सूत्रों के मुताबिक राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने सोमवार को भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल से मुलाकात की थी। खटीक ने बंसल के सामने भी अपनी पीड़ा का इजहार किया था।

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