- ऑनलाइन पढ़ाई में नहीं होगी खिलवाड़, शासन ने दिखाई सख्ती
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोविड-19 के चलते जहां सभी राज्य विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में देरी हो गई थी। वही अभी तक विश्वविद्यालय के कंटेंट तैयार नहीं कर पाए हैं।
जिसको लेकर शासन ने नाराजगी व्यक्त की है। मगर, अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई में अब खिलवाड़ नहीं हो पाएगी।
कोरोना संक्रमण के चलते बीते मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद शुरू की गई ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आई थी कि शिक्षकों ने इन कंटेंट के मटेरियल के तौर पर विषय की किताबें अपलोड कर डाली थी, लेकिन अब ई कंटेंट पोर्टल तैयार किया गया है और स्क्रीनिंग के बाद ही इस पर ई कंटेंट अपलोड किए जा रहे हैं।
बौद्धिक संपदा अधिकार व कॉपीराइट अधिनियम का पालन करने के लिए शिक्षकों से एक प्रपत्र भी भरवाया जा रहा है। विश्वविद्यालय व कॉलेज स्तर से लेकर उच्च शिक्षा विभाग तक इसकी निगरानी की जा रही है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किए गए ई-कंटेंट पोर्टल पर स्नातक व परास्नातक कक्षाओं के विषयवार कंटेंट अपलोड करने का काम शुरू हो गया है। अब तक करीब 13 हजार ई-कंटेंट तैयार भी किए जा चुके हैं।
स्क्रीनिंग के बाद इन्हें ऑनलाइन किया जा रहा है। 30 सितंबर तक सभी विषयों के ई-कंटेंट को अपलोड करने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के निर्देशानुसार साइंस, कॉमर्स व आर्ट्स के अलग-अलग विषयों के ई-कंटेंट तैयार करने के लिए राज्य विश्वविद्यालयों को नोडल विश्वविद्यालय के रूप में चयनित किया गया है।