Saturday, March 22, 2025
- Advertisement -

Varuthini Ekadashi 2025: इस दिन रखा जाएगा वरूथिनी एकादशी का व्रत, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। हर वर्ष वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरूथिनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान लक्ष्मी नारायण जी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस व्रत को रखने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वरूथिनी एकादशी का व्रत करने से भक्त के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही, यह व्रत साधक को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति प्रदान करता है। व्रत करने वाले को मृत्यु के बाद स्वर्ग और वैकुंठ लोक में स्थान प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। वरूथिनी एकादशी का व्रत भगवान की कृपा प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण अवसर होता है।

शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 अप्रैल को शाम 04:43 बजे से प्रारंभ होकर 24 अप्रैल को दोपहर 02:32 बजे तक रहेगी। इस दिन सूर्योदय से तिथि की गणना होती है, जिससे 24 अप्रैल को वरूथिनी एकादशी मनाई जाएगी।

पारण समय

वरूथिनी एकादशी का पारण 25 अप्रैल को किया जाएगा। पारण का समय प्रातः 05:46 बजे से लेकर प्रातः 08:23 बजे तक है। इस समय के दौरान व्रती स्नान ध्यान करके, विधिवत पूजा करके व्रत खोल सकते हैं और अन्न व धन का दान कर सकते हैं।

वरूथिनी एकादशी पर शुभ योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस वर्ष वरूथिनी एकादशी पर ब्रह्म और इन्द्र योग का संयोग बन रहा है, साथ ही शिववास योग भी है। इन शुभ योगों के बीच शतभिषा और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का संयोग होने से यह दिन विशेष रूप से पुण्यकारी माना जाता है। इस समय भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के जीवन में अपार सुख और सौभाग्य की वृद्धि होती है।

महत्व

वरूथिनी एकादशी का विशेष धार्मिक महत्त्व है। यह व्रत भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के पूजन का दिन है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की वृद्धि होती है। इसके अलावा, यह व्रत व्यक्ति के पापों को नष्ट करता है और पुण्य की प्राप्ति कराता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत करने से साधक को मृत्यु के बाद वैकुंठ लोक में स्थान मिलता है। साथ ही, यह व्रत सभी संकटों से मुक्ति और जीवन में शांति लाने का उपाय है। वरूथिनी एकादशी विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि यह पारिवारिक सुख और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा करके व्यक्ति धन-धान्य में वृद्धि प्राप्त करता है। इस व्रत को करने से आत्मिक शांति और मोक्ष का मार्ग भी खुलता है।

वरूथिनी एकादशी पूजा विधि

  • पूजा शुरू करने से पहले प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध हो जाएं। फिर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा की शुरुआत में “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ श्री लक्ष्मीनारायणाय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • पूजा स्थल पर दीपक जलाएं और भगवान लक्ष्मी नारायण की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ करें।
  • भगवान लक्ष्मी नारायण को ताजे फूल, फल, और पत्तियां अर्पित करें।
  • पूजा के दौरान धूप और अगरबत्तियां जलाएं और वातावरण को पवित्र बनाएं।
  • ध्यान लगाकर भगवान लक्ष्मी नारायण से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्रार्थना करें।
  • इस दिन उपवास रखें। यदि संभव हो तो रात को फलाहार करें।
  • पूजा के बाद, व्रत खोलने से पहले अन्न, धन या वस्त्र का दान करें।
  • इस प्रकार, विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और भगवान लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Meerut News: राशन से भरे ट्रक के शॉर्ट शर्किट में लगी आग, मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड         

जनवाणी संवाददाता | जानी खुर्द: शनिवार की सुबह नंगला जमालपुर...

IPL 2025: इस बार आईपीएल में हुए कईं बदलाव, यहां देखे सभी नियम 

जनवाणी ब्यूरो | नई दिल्ली: आज शनिवार से इंडियन प्रीमियर...

IPL 2025: KKR और RCB के बीच मैच होने से पहले फैंस की बढ़ी चिंता, IMD ने किया अलर्ट जारी

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक...

kesari chapter 2: अक्षय कुमार ने जारी किया ‘केसरी चैप्टर 2’ का प्रोमो, जाने कब रिलीज होगी फिल्म

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here