- वन विभाग की परेशानी बढ़ी, कांबिंग रहेगी जारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तेंदुए के जिस वीडियो ने जहां सैन्य क्षेत्र के आसपास रहने वालों की नींद उड़ा दी है। वहीं वन विभाग की परेशानियां बढ़ गई है। हालांकि डीएफओ का दावा है कि जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है वो दूसरे राज्य का है, लेकिन पूर्व में तेंदुआ इस इलाके में आ चुका है। इस कारण कांबिंग जारी है और पूरे क्षेत्र को अलर्ट पर रखा गया है।
तेंदुए का एपीसोड खत्म हो गया था, लेकिन सोमवार को एक राहगीर ने कंट्रोल रुम को फोन करके तेंदुआ देखे जाने की जानकारी देकर वन विभाग को पूरी तरह से अलर्ट पर रहने को मजबूर कर दिया था। इस सूचना के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने फौजियों के साथ मिलकर देर रात तक सर्च आपरेशन चलाया था, लेकिन तेंदुये का कहीं पता नहीं चला था।
डीएफओ राजेश कुमार का कहना है कि वीडियो मेरठ का नहीं है और लोगों को बिना जांच पड़ताल के इस तरह के वीडियो चलाकर दहशत नहीं फैलानी चाहिये। उन्होंने कहा कि पहले भी कैंट क्षेत्र में तेंदुये आ चुके हैं, इसलिये किसी भी तरह की लापरवाही किये बिना सर्च आपरेशन चलता रहेगा।
अगर तेंदुये के पैरों के निशान मिलते हैं तो पिंजरा भी लगाया जा सकता है। सैन्य क्षेत्र आरवीसी, माल रोड आदि इलाकों में तेंदुये की एक वीडियो तीन दिन से वायरल हो रही है। वन विभाग ने इन इलाकों में कांबिंग कराते हुए तेंदुये के पद चिह्नों की खोजबीन की, लेकिन कहीं से कोई सुराग नहीं मिला।
हालांकि सैन्य क्षेत्र में इस वीडियो के कारण दहशत जरूर हुई थी, इसको लेकर वन विभाग की तरफ से सर्चिंग और कांबिंग कराई गई, लेकिन नतीजा सिफर निकला। डीएफओ ने लोगों की मदद के लिये वन रक्षकों और कार्यालय के मोबाइल नंबर भी जारी किये हैं ताकि किसी को तेंदुये से संबंधित कोई खबर मिले तो सूचना दे सके।