नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। देशभर में आज यानि कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है। आज विश्वकर्मा जयंती के साथ भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि भी है। कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस वर्ष चार शुभ योग बन रहे हैं और सूर्य देव कन्या राशि में गोचर करेंगे।
वहीं, भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कारोबार में उन्नति होती है और हमेशा कृपा बनी रहती है। तो आइए जानते हैं विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…
विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त
विश्वकर्मा पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
इन 4 शुभ योग में है विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा यानि आज के दिन 4 शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग, द्विपुष्कर योग और ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। ये सभी शुभ योग आपके मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होंगे। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं।
विश्वकर्मा पूजा विधि
आज विश्वकर्मा जयंती पर आफिस, दुकान, वर्कशॉप, फैक्ट्री चाहे छोटे संस्थान हों या बड़े सभी की साफ सफाई कर सभी तरह के औजारों या सामान की पूजा करें। पूजा के लिए सर्वप्रथम पूजा स्थान पर कलश स्थापना कर फिर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इस दिन यज्ञ इत्यादि का भी आयोजन किया जाता है। पूजन में श्री विष्णु भगवान का ध्यान करना उत्तम माना गया है।
इस दिन पुष्प, अक्षत लेकर मंत्र पढ़ें और चारों ओर अक्षत छिड़कें। इसके बाद हाथ में और सभी मशीनों पर रक्षा सूत्र बांधें। फिर भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करते हुए दीप जलाएं और पुष्प एवं सुपारी अर्पित करें। विधि विधान से पूजा करने पर पूजा के पश्चात भगवान विश्वकर्मा की आरती करें। भोग स्वरूप प्रसाद अर्पित करें, जिस भी स्थान पर पूजा कर रहे हों उस पूरे परिसर में आरती घुमाएं। पूजा के पश्चात विश्वकर्मा जी से अपने कार्यों में सफलता की कामना करें।