Sunday, July 7, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutइंतजार कीजिए बारिश में शहर के टापू बनने का

इंतजार कीजिए बारिश में शहर के टापू बनने का

- Advertisement -
  • साफ-सफाई के नाम पर करोड़ों खर्च, लेकिन नालों में उगे हैं पेड़, कैसे निकलेगा बारिश का पानी?

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महानगर के नाले नालियों की सफाई के नाम पर करोड़ों खर्च के बावजूद नगर निगम के अफसर और ठेकेदार मिलकर मानूसन में मेरठ को टापू बनाने की ठाने बैठे हैं। दिल्ली एनसीआर और वेस्ट यूपी समेत पूरी प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है। कई जगह झमाझम बारिश हो भी चुकी है। गनीमत ये है कि प्री मानसून में इतनी बारिश नहीं हुई है कि मेरठ टापू बन जाता, शनिवार को हुई पहली बारिश ने पूरे महानगर को नहीं भिगोया,

लेकिन जहां भी बारिश हुई वहां निगम अफसरों के नाला सफाई के दावों की पोल जरूर खुल गयी, लेकिन इससे भी बड़ी खबर यह है कि नाला सफाई के नाम पर निगम अफसरों की कारगुजारी इस बार मानसून में मेरठ को टापू में तब्दील करने जा रही है। इसकी ठोस वजह है और वो ये कि अफसरों के सफाई के दावों की पोल नाले खोल रहे हैं।

सफाई नहीं, नाले में पेड़

वार्ड-72 लिसाड़ीगेट का पिलोखड़ी पुल से कांच के पुल की ओर बह रहे, (हालांकि अब यह बह नहीं रहा है, इसमें जगह-जगह कई-कई फीट मिट्टी जम गई है) नाले में बडेÞ-बडेÞ पेड़ उग आए हैं। नाले में उग आयीं झाड़ियां और पेड़ इसके जंगल या फिर खेत होने का भ्रम पैदा कर रहे हैं। कमोवेश यही दुर्दशा बेगमपुल से कहचरी होते हुए सूरजकुंड की ओर बह रहे नाले की बना दी गयी है। हालत इतनी ज्यादा खराब है कि नाले में पानी का बहाव होने के बजाए वहां पानी जमा हो जाता है।

नगर निगम कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य अब्दुल गफ्फार ने इसके लिए निगम प्रशासन खासतौर से नगर स्वास्थ्य अधिकारी को उत्तरदायी ठहराया है। आरोप है कि यह दुर्दशा एक दो नालों की नहीं है, ज्यादातर नालों में सफाई ना होने के चलते इसी प्रकार के पेड़ उग आए हैं, वहां मिट्टी जमी है। नालों की ऐसी दशा और मानसून यदि मेरठ वालों पर इस साल कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गया, जैसे कि उम्मीद भी की जा रही है और मौसम विभाग भी उम्मीद जाहिर कर रहा है तो अनुमान लगा लीजिए कि शहर की दशा क्या होगी। सबसे बुरा हाल इस मानूसन में शहर की पुरानी आबादी वाले इलाकों का होने जा रहा है

जहां नाला सफाई के नाम पर केवल खेल किया गया है। ओडियन नाले से पिलोखड़ी के समीप जिस हिस्से में ऊपर तक मिट्टी जमा है और वहां पेड़ उग आयी है, यदि मूसलाधार बारिश हो गयी तो लिसाड़ी रोड से सटा एक बड़ा इलाका, ब्रह्मपुरी व जाटवगेट तथा लिसाड़ी रोड के तमाम इलाकों का टापू बनना तय है। इन इलाकों की यदि बात करें तो वहां रहने वाले तो पहले से ही बारिश के नाम से सहम जाते हैं। बारिश के दौरान पानी जमा होने की मुसीबत ही इन इलाकों में रहने वाले उठाते हैं।

प्रभारी मंत्री की फटकार के बाद भी नींद में अफसर

निगम के वार्ड-63 से पार्षद अनुज वशिष्ठ व पूर्व कार्यकारिणी सदस्य अब्दुल गफ्फार का कहना है कि विगत दिनों प्रभारी मंत्री ने नाला सफाई को लेकर कड़ी फटकार लगायी थी, लेकिन नालों में उगे पेड़ बता रहे हैं कि फटकार के बाद भी नाला सफाई को लेकर अफसर नींद में हैं।

कराएंगे सफाई

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरपाल सिंह ने बताया कि वहां भी इस तरह की झाड़ी व पेड़ उग आए हैं वहां सफाई करायी जाएगी। नाला पूरी तरह से साफ कराएंगे।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments