- एसओजी मेरठ और पुलिस को मिली कामयाबी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दामाद की हत्या करने वाले वांछित ससुर रामकिशोर गिरी और सास शशिबाला को एसओजी मेरठ और मेडिकल थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हत्यारोपी दंपति पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। 2020 में मृतक के पिता ने मेडिकल थाने में अपने इकलौते बेटे की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। परीक्षितगढ़ क्षेत्र के लोकेश गिरी के इकलौते बेटे मयंक की 2020 में हत्या कर दी गई थी। मृतक के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि मयंक की शादी 2019 में शास्त्री नगर के रामकिशोर की बेटी चंद्रिका उर्फ शिल्पी से हुई थी।
शादी के कुछ दिन बाद से ही उसका बेटा और बहू जागृति विहार में किराए पर रह रहे थे, लेकिन उसका बेटा परेशान रहता था। तीन मार्च 2019 की रात को मयंक के साडू ललित का अचानक उनके पास फोन आया। ललित ने बताया कि मयंक की बहुत ज्यादा तबीयत खराब है वह बहुत लगातार उल्टी कर रहा है। इतना सुनकर लोकेश अपने भाइयों के साथ मेरठ के लिए रवाना हो गया। जब वह लोकप्रिय होटल के सामने पहुंचे तो उन्हें मयंक की गाड़ी दिखी, जिसे उन्होंने रोका। गाड़ी में से मयंक का ससुर रामकिशोर गिरी, सास शशिबाला, पत्नी शिल्पी और साडू ललित उतरे और भाग गए।
जब उन्होंने गाड़ी के पास जाकर देखा तो मयंक का शव गाड़ी की पिछली सीट पर पड़ा था, जिसपर चोट के निशान थे। मयंक के पिता ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और अंतिम संस्कार के बाद चारो के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। इसी मामले में शुक्रवार को एसओजी और मेडिकल थाने की संयुक्त टीम ने हत्यारोपी सास-ससुर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के लिए पुलिस काफी प्रयासरत थी। दोनो पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी रखा गया था। दोनों हत्यारोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।
लव जिहाद की शिकार महिला को अस्पताल ने भेजा थाने
सरधना: नगर में लव जिहाद की शिकार हुई महिला को उपचार के बाद अस्पताल प्रबंधन ने रात को थाने भेज दिया। मगर सरधना पुलिस ने उसे अपने पास रखने से इंकार कर दिया। पुलिस ने महिला को वापस अस्पताल पहुंचा दिया। फिलहाल महिला अस्पताल में ही है। महिला को उसके घर भेजने की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है।
बता दें कि महाराष्ट्र की एक महिला की सरधना के एक युवक से सोशल मीडिया पर दोस्ती हो गई थी। हिंदू संगठन के लोगों ने पुलिस से शिकायत करते हुए बताया था कि मुस्लिम युवक ने अपनी पहचान छुपाकर महिला को प्रेम जाल में फंसाया। महिला उसको तलाश करते हुए सरधना पहुंच गई तो उसकी हत्या का प्रयास किया। हालत बिगड़ने पर उसे पल्लवपुरम स्थित निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया था।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करके आरोपी को जेल भेज दिया था। अब महिला की तबीयत ठीक होने पर गुरुवार की रात अस्पताल प्रबंधन ने उसे एंबुलेंस के माध्यम से सरधना थाना भेज दिया। मगर पुलिस ने उसे अपने पास रखने से इंकार करते हुए वापस चलता कर दिया। पुलिस का कहना है कि महिला की सुपुदर्गी लेना उनका काम नहीं है। फिलहाल महिला अस्पताल में ही है। उसको घर भेजने की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। इंस्पेक्टर प्रताप सिंह का कहना है कि महिला को अस्पताल ने थाने भेजा था। मगर महिला को अपने पास रखने का पुलिस के पास कोई प्रावधान नहीं है। अस्पताल द्वारा महिला को उसके परिजनों को सुपुर्द करना चाहिए।