एक शहर में एक अमीर व्यक्ति रहता था। शरीर और सेहत से बहुत ही गरीब। दरअसल वह हमेशा पैसा कमाने की ही सोचता रहता था। अपने शरीर के लिए उसके पास बिल्कुल समय नहीं था। शरीर भी धीरे-धीरे कमजोर होता जा रहा था, लेकिन वह इस सब पर ध्यान नहीं देता और हमेशा पैसे कमाने में ही लगा रहता था। एक दिन वह थकाहारा शाम को घर लौटा और जाकर सीधा बिस्तर पर लेट गया। भूखा ही सो गया।
आधी रात को उसके शरीर में बहुत तेज दर्द हुआ, वह कुछ समझ नहीं पाया कि ये क्या हो रहा है? अचानक उसके सामने एक विचित्र सी आकृति आकर खड़ी हो गई और बोली, हे मानव मैं तुम्हारी आत्मा हूं और आज से मैं तुम्हारा शरीर छोड़ कर जा रही हूं। वह व्यक्ति घबराया सा बोला, आप मेरा शरीर छोड़ कर क्यों जाना चाहती हो? मैंने इतनी मेहनत से इतना आलीशान बंगला बनवाया है।
यहां तुम्हें रहने में क्या दिक्कत है? आत्मा बोली, हे मानव सुनो, मेरा घर ये आलीशान बंगला नहीं तुम्हारा शरीर है, जो बहुत दुर्बल हो गया है। सोचो अगर तुम्हें बंगले की बजाय किसी टूटी झोंपड़ी में रहना पड़े तो तुम्हें कितना दु:ख होगा, उसी प्रकार तुमने अपने शरीर यानि मेरे घर को भी टूटा-फूटा और खंडहर बना लिया है, जिसमें मैं अब और नहीं रह सकती।
इतना कहकर, आत्मा ने उस व्यक्ति के शरीर को त्याग दिया और जीवन भर सिर्फ पैसे कमाने के लालच की वजह से उस व्यक्ति को कम उम्र में ही अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा। दुनिया में बहुत सारे लोग पैसा कमाने के चक्कर में अपना स्वास्थ्य गंवा देते हैं, पैसा ही सबकुछ नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सबसे बड़ी पूंजी है।
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