- 2012 टी-20 विश्व कप : लो स्कोरिंग फाइनल में सैम्युल्स चमके, सेमीफाइनल में नहीं पहुंची टीम इंडिया
ज्ञान प्रकाश |
मेरठ: वेस्टइंडीज ने लो स्कोरिंग फाइनल में श्रीलंका को 36 रनों से हराकर खिताब जीतने में सफलता हासिल की। वेस्टइंडीज के सैम्युल्स के धमाकेदार 78 रन और सुनील नरेन की घातक गेंदबाजी ने श्रीलंका को कतई टिकने नहीं दिया। श्रीलंका ने लगातार तीन फाइनल हारने का रिकॉर्ड बना दिया। टीम इंडिया के लिए यह वर्ल्ड कप बेहद निराशाजनक रहा और सेमीफाइनल से पहले टीम की विदाई हो गई। पहले ही मैच में पाकिस्तान के हाथों दस विकेट से हारने के कारण टीम की काफी आलोचला हुई थी।
वेस्टइंडीज की टीम ने टी-20 वर्ल्ड कप 2012 का पहला मुकाबला आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। इस मुकाबले को डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर आॅस्ट्रेलिया ने 17 रनों से जीता था।बारिश से बाधित इस मैच को आॅस्ट्रेलिया ने शेन वॉटसन के 24 गेंदों पर ताबड़तोड़ 41 रनों की पारी के बदौलत जीत लिया था। वहीं वेस्टइंडीज टीम का दूसरा मुकाबला आयरलैंड के खिलाफ था। इस मुकाबले में आयरलैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 19 ओवर में 129 रन बनाए थे, लेकिन 19 ओवर के बाद बारिश के चलते खेल दोबारा शुरू ना हो सका और दोनों टीमों को 1-1 अंक से ही संतोष करना पड़ा था। वेस्ट इंडीज की टीम ने सुपर 8 का अपना पहला मुकाबला इंग्लैंड टीम के साथ खेला था।
इस मुकाबले को वेस्टइंडीज ने 15 रनों से जीता था। इंग्लैंड से मिली जीत के बाद वेस्टइंडीज टीम का अगला मुकाबला मेजबान श्रीलंका से था। इस मुकाबले को श्रीलंका ने बड़े ही आसानी से 9 विकेट से जीत लिया था। श्रीलंका टीम की कसी हुई गेंदबाजी के आगे वेस्टइंडीज टीम के बल्लेबाजों की एक भी ना चली और वह निर्धारित 20 ओवरों में महज 129 रन ही बना सके थे। टीम इंडिया के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए टीम को खिताबी जीत के लिए फेवरेट माना जा रहा था, लेकिन टीम का सफर सुपर-12 में शुरू होकर सुपर-12 तक ही सीमित रह गया। पहले ही मैच में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से मात दी। इस हार के गम से पूरा देश उबर भी नहीं पाया था कि अगले ही मुकाबले में न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेट से हरा दिया।
लगातार दो मैचों में मिली हार के साथ ही भारतीय टीम के ऊपर सेमीफाइनल से बाहर होने का खतरा मंडराने लगा था। विराट एंड कंपनी ने अफगानिस्तान और स्कॉटलैंड को हराकर उम्मीद जगाई थी लेकिन न्यूजीलैंड ने सपने चकनाचूर कर दिए। साल 2012 के बाद ये पहला मौका रहा जब भारतीय टीम टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सकी। टी-20 वर्ल्ड कप के अभी तक के इतिहास में ये चौथा मौका रहा जब भारत सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सका था। इस टूर्नामेंट से पहले 2009, 2010 और 2012 में भी टीम और फैंस के हाथों मायूसी लगी थी।
एक नजर
वेस्टइंडीज-137/6
मार्लन सैमुयल्स-78, डेरेन सैमी-26, डवोन ब्रेबो-19
गेंदबाजी-अजंता मेडिंस-12/4
श्रीलंका-101
महेला जयवर्धने-33, कुमार संगकारा-22, नुवान कुलशेखरा-26
गेंदबाजी-सुनील नरैन-9/3, डेरेन सैमी-6/2