- मेडा उपाध्यक्ष भी कह चुके हाइवे पर खुले तमाम ओयो होटलों को किया जाएं सील
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इन ओयो होटलों पर कैसी मेहरबानी? ये सवाल लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। जब मेरठ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय कह चुके हैं कि हाइवे पर खुले तमाम ओयो होटलों को सील किया जाएं, लेकिन इसमें सार्थक सिटी के अलावा बाकी ओयो होटलों को सील क्यों नहीं किया गया? दरअसल, मेडा ने सार्थक सिटी में 10 निर्माणाधीन और 10 बने हुए ओयो होटलों पर सील की कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई से ओयो होटल संचालकों में हड़कंप मच गया था, लेकिन सील की कार्रवाई सिर्फ सार्थक सिटी में ही क्यों? बागपत बाइपास पर ही ओयो होटल बने हुए हैं। बागपत बाइपास सर्विस रोड पर ग्रीन वर्ज में भी ओयो होटल बने हुए हैं। उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
एक दिन में इन पर सील की कार्रवाई संभव हो सकती थी, लेकिन प्राधिकरण इंजीनियर सार्थक सिटी में ओयो होटल को सील कर लौट गए। बार-बार फोर्स भी नहीं मिलती हैं। उस दिन फोर्स भी टीम के साथ पर्याप्त थी, फिर सील की कार्रवाई बाकी पर क्यों नहीं की गई? ये बड़ा सवाल हैं। वेदव्यासपुरी में दो दर्जन से ज्यादा ओयो होटल हैं, जो संचालित हो रहे हैं। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस तरह से तो बाकी ओयो होटल संचालक बेलगाम हो जाएंगे। उधर, मेरठ विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता पवन शर्मा का कहना है कि सील वाले दिन टीम थक गई थी। अब अन्य ओयो होटल को नोटिस भेज दिये गए हैं, उन पर सील की कार्रवाई कभी भी की जा सकती हैं।
शर्तों का किया था उल्लंघन
होटल करीम की सील पहले शर्तों के अनुसार खोली गई थी। होटल मालिक ने शपथ पत्र लिखकर दिया था कि रोड वाइडिंग में जो बिल्डिंग का निर्माण हुआ हैं, उसे स्वयं ही तोड़ लिया जाएगा, लेकिन इसके बाद भी रोड वाइडिंग में जो बिल्डिंग आ रही थी, उसे नहीं तोड़ा गया। शर्तों का उल्लंघन करने के बाद ही प्राधिकरण इंजीनियरों की टीम ने होटल करीम को फिर से सील कर दिया गया।
ग्रीन एम्बेसी पर कार्रवाई क्यों नहीं?
बागपत बाइपास पर ग्रीन एबेंसी ओयो होटल रोड वाइडिंग में बना हुआ हैं। इस पर कोई कार्रवाई प्राधिकरण की तरफ से नहीं की गई। इसका कोई मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं हैं, फिर इस पर सील की कार्रवाई क्यों नहीं की? ये भी मामला चर्चा का विषय बना हुआ हैं। जब प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने स्पष्ट आदेश किये है कि बागपत बाइपास के तमाम ओयो होटलों को सील करें। इनका नहीं तो मानचित्र स्वीकृत हैं और नहीं सराय एक्ट में इनका पंजीकरण हैं। अवैध तरीके से ये होटल बनकर तैयार हो गये, लेकिन इन पर कार्रवाई करने से मेडा के इंजीनियर क्यों डर रहे हैं। रोड वाइडिंग में करीम होटल था, उस पर सख्ती, फिर इन पर मेहरबानी क्यों?