- किसान हताश, धूप और तेज पछुआ हवा से गेहंू के उत्पादन पर पड़ेगा असर
- गेहंू के दाने पकने से पहले सूखने की सताने लगी आशंका
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बढ़ता तापमान और पछुवा हवा चलने से गेहूं की बाली सूखने लगी है। अगर मौसम का रूख इसी तरह रहा तो पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। गेहूं का दाना सिकुड़ सकता है और उत्पादन में गिरावट आएगी। किसान चिंतित हैं। तेज हवा चलने से खेतों में नमी का स्तर कम हो रहा है।
फसल समय से पहले पकने लगी है। जिले में कई हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल पर गेहूं की फसल उगाई गई है। मार्च महीने में औसत से अधिक तापमान के चलते गेहूं की फसल पर संकट के बादल मंडराते जा रहे हैं। मौसम में अचानक आए बदलाव ने गेहूं उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मार्च में औसत से अधिक तापमान चल रहा है, जो गेहूं की फसल के लिए अच्छा नहीं है।
पिछले कई दिनों से तेज पछुवा हुआ ने भी किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इससे गेहूं की बालियां सूखने लगी हैं। तेज हवा के असर से गेहूं का दाना सिकुड़ सकता है। इससे गेहूं उत्पादन में गिरावट आएगी। किसानों का कहना है कि गेहूं की बुआई में एक बीघे जमीन में पांच हजार रुपये से अधिक खर्च करना पड़ रहा है।
बाली पकने के पहले पछुआ हवा चलने लगी है। इस कारण गेहूं की फसल सूखने लगी है। यदि इसी तरह हवा चलती रही तो गेहूं उत्पादन में भारी गिरावट आएगी, नुकसान उठाना पड़ेगा। उधर, जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि तापमान बढ़ने एवं पछुआ हवा चलने से गेहूं की फसल को काफी नुकसान हो रहा है। बाली सूख रही हैं। पैदावार पर असर होगा। बचाव के लिए किसान फसल की सिंचाई करें।
खेतों में नमी रहने से पछुआ हवा का प्रभाव फसल पर कम होगा। समय से पहले तापमान बढ़ने के साथ तेज धूप के साथ पछुआ हवा चलने लगी है। इससे गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना बढ़ गयी है। मौसम में तल्खी को देखकर पछेती गेहूं की बुआई किये किसान चिंतित हैं। किसानों को यह भय सताने लगा है कि महंगे दाम पर खाद, बीज खरीदकर बुआई की और समय से पहले गर्मी पड़ने लगी है
जिससे उत्पादन कम होगा। ठंड तो देर तक पड़ी, जिससे गेहूं की फसल ठीक दिखने लगी, लेकिन समय से पहले तापमान बढ़ने से उत्पादन प्रभावित होने की संभावना बढ़ गयी है। कृषि विभाग ने बताया कि गेहूं के दाने लेने के समय 25 से अधिकतम 30 डिग्री तक तापमान रहना चाहिए, लेकिन वर्तमान में 38 से 39 डिग्री तक तापमान हो जा रहा है। साथ ही पछुआ हवा भी तेज चल रही है। ऐसे में पिछैती गेहूं के दाना पतले होंगे।
तेज हवा से उत्पादन पर पड़ेगा असर
मार्च में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। दिन में तेज धूप व पछवा हवा चलने से गेहूं की फसल प्रभावित हो रही है। यदि ऐसे रहा तो उत्पादन पर असर पड़ेगा। मौसम परिवर्तन व रबी फसलों पर उसके असर से किसान चिंतित हैं जो रबी की फसल के लिए बेहद नुकसानदेह है। किसानों के मुताबिक उनकी चिंता का सबसे बड़ा कारण मौसम है।
किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल में बाली तो पिछले माह ही आ गई थी। फाल्गुन के महीने में इसमें दाना पड़कर मजबूत हो जाता है। वर्तमान में तेज धूप व हवा फसल के लिए बेहद नुकसानदेह है। यदि खेत में पानी लग गया और हवा चल गई तो फसल गिरने की संभावना रहती है।
गिरी फसल में दाना कमजोर पड़ता है जिससे उत्पादकता पर असर पड़ता है। फाल्गुन का महीना गेहूं की फसल के लिए बेहद अहम् होता है। इस माह में यदि प्राकृतिक आपदाओं से बचा जा सके तो उत्पादन अच्छा होने की पूरी उम्मीद रहती है, लेकिन शुरुआत में जिस तरह से मौसम में गर्मी बढ़ी है। इसका असर फसल पर उल्टा पड़ेगा। किसानों ने कहा कि गर्मी की वजह से पानी की जरूरत ज्यादा रहती है।
पानी लगाना भी इस समय बेहद कठिन होता है क्योंकि समय से पानी मिलता भी नहीं है। दूसरा पानी लगने के बाद यदि हवा चल गई तो गेहूं की फसल गिर जाएगी। ऐसे में फसल नष्ट होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। वहीं, चना, मटर आदि फसलों में ज्यादा नुकसान नहीं होगा लेकिन लाहा, अरहर व गेहूं की फसलों में पानी लगाने पर भी गर्मी की वजह से फसल उखड़ने का डर बना रहता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं के खेत में नमी बनाए रखें। फसल में ज्यादा पानी भरने पर सूख जाएगी। तेज हवा में गिरने की भी संभावना रहती है। गर्मी में अगले सप्ताह में बढ़ोत्तरी होने की पूरी संभावना है।