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Masik Shivratri 2025: कब है चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि, जाने तिथि और महत्व, इस दिन करें इन मंत्रों का जाप

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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिन्दू धर्म में शिवरात्रि के पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से शिव पूजा और व्रत रखा जाता है, जिससे शिवजी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, यह दिन विशेष संयोगों के कारण शुभ माना जाता है, जिससे विवाह और सौभाग्य के संबंध में भी विशेष लाभ की संभावना होती है। जबकि अविवाहित कन्याओं को उत्तम वर प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इस बार की मासिक शिवरात्रि पर विशेष संयोगों बन रहे हैं। आइए जानते हैं कि चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि किस दिन मनाई जाएगी।

चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि कब है?

दृक पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 मार्च गुरुवार को रात 11:03 बजे से प्रारंभ होकर 28 मार्च, शुक्रवार को शाम 7:55 बजे तक रहेगी। इस दिन निशिता काल में पूजन का विशेष महत्व होने के कारण मासिक शिवरात्रि का पर्व 27 मार्च, गुरुवार को मनाया जाएगा।

शुभ योग

इस बार मासिक शिवरात्रि पर दो शुभ योग बन रहे हैं। सुबह 9:25 बजे तक साध्य योग रहेगा, जिसे सफलता व सिद्धि दिलाने वाला माना जाता है। इसके बाद शुभ योग प्रारंभ होगा, जो अगले दिन 28 मार्च को सुबह 5:57 बजे तक प्रभावी रहेगा। इसके अलावा दिनभर शतभिषा नक्षत्र रहेगा, जो 12:34 बजे समाप्त होगा और इसके बाद पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का प्रभाव शुरू होगा

महत्व

इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की उपासना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शिव कृपा से कष्टों, रोगों और दोषों का निवारण होता है। रात्रि में विशेष रूप से शिव मंत्रों का जाप करने से आध्यात्मिक लाभ मिलता है। साथ ही रुद्राभिषेक कराने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं।

मासिक शिवरात्रि पर करें इन मंत्रों का जाप

ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि

तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!

करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा ।

श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं ।

विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व ।

जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥

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