- सराय लालदास में 20 मार्च को शराब का सेवन करने से हुई थी दो युवकों की मौत
- एक सप्ताह बाद दूसरे ने भी तोड़ा था दम, पोस्टमार्टम में मौत की वजह स्पष्ट नहीं
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के बीचों बीच स्थित सराय लालदास इलाके में 20 मार्च को दो युवकों ने सुबह साढ़े छह बजे शराब का सेवन किया, जिसमें एक युवक की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी, जबकि दूसरे की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ठीक एक सप्ताह बाद 27 मार्च को दूसरे युवक ने भी दम तोड़ दिया था।
10 दिन बाद भी कोई रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज नहीं की। दो लोगों की मौत के बाद भी पुलिस चुप्पी साधे हुए हैं। पुलिस अपनी कमियों पर भी पर्दा डाल रही हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट आदेश है कि जिस क्षेत्र में शराब पीने से लोगों की मौत होगी तो संबंधित पुलिस थाने के इंस्पेक्टर और आबकारी विभाग के अफसरों पर गाज गिरेगी, लेकिन इसमें पुलिस और आबकारी विभाग पर कोई कार्रवाई ही नहीं हुई, उलटे कह दिया गया कि किसी ने रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी। एक तरह से पूरे मामले पर लीपापोती कर दी।
अब कहा जा रहा है कि बिसरा की रिपोर्ट आने दो, उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। इस बीच शराब माफिया को सेटिंग करने का भी मौका पुलिस ने दे दिया। कई शराब माफिया का नाम भी तब सामने आया था, लेकिन उन माफियाओं पर कोई कार्रवाई पुलिस और आबकारी विभाग ने नहीं की। इस बीच शराब माफिया का भूमिगत होना भी बताया जा रहा हैं।
बिखर गए दो परिवार
मृतक पिंटू की बुधवार को तेरहवीं थी, इस दौरान पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था। पिंटू की दो बेटियां व एक बेटा है, वह अपने परिवार में कमाने वाला इकलौता शख्स था। हलवाई का काम करते हुए किसी तरह बच्चों को पाल रहा था। अब उसकी मौत के बाद परिवार बिखर गया है, माता-पिता भी छोटे भाई के भरोसे है।
इसी तरह अजय भी अपने परिवार में कमाने वाला इकलौता सदस्य था, उसके भी दो बच्चे हैं, जिनको पालने की जिम्मेदारी अब कौन उठाएगा? यह सवाल उठ खड़ा हुआ है। पिंटू के पिता ने बताया कि शराब कहां से आई थी इसकी जानकरी उनको नहीं है। भाजपा नेता व शहर विधायक प्रत्याशी कमलदत्त शर्मा, कांग्रेस नेता अनिल शर्मा व निगम पार्षद पंकज गोयल भी दोनों परिवारों के पास सांत्वना देनें पहुंचे थे।
सभी ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन 10 दिन बीत जानें के बाद भी किसी तरह की मदद पीड़ित परिवारों को नहीं मिली है। जांच के दौरान सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया ने भी पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन हुआ कुछ नहीं।
ये बोले-जिला आबकारी अधिकारी
जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहरीली शराब से मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है। मृतक अजय के शरीर के आर्गन्स डैमेज होने की बात सामने आई थी, जबकि पिंटू का बिसरा पुलिस द्वारा जांच के लिए लैब भेजा गया है। पुलिस को ही कार्रवाई करनी है।
ये बोले-इंस्पेक्टर
थानाध्यक्ष देहलीगेट ऋषिपाल का कहना है कि किसी की तरफ से कोई तहरीर नहीं मिली है। साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। पता चला था कि दोनों युवक शराब पीने के आदी थे। पुलिस द्वारा दोनों का पोस्टमार्टम कराया गया था, अब बिसरा रिपोर्ट आनें के बाद ही स्पष्ट होगा कि मौत का कारण क्या था। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।