- ढाबा संचालकों के फोटो सीसीटीवी कैमरे में कैद, फिर क्यों कार्रवाई से कतरा रही पुलिस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिल्ली निवासी टूरिस्ट अभिषेक की मौत हादसा नहीं, बल्कि हत्या की गई। ये पहले दिन से ही स्पष्ट था। शिवा टूरिस्ट ढाबा संचालकों के फोटो सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गए थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच पड़ताल में अभिषेक के पीछे ढाबा संचालक व कई दबंग डंडा लेकर दौड़ रहे थे।
जान बचाने के लिए ही ये युवक हाइवे की तरफ को दौड़ा। ये सीधे हत्या का मामला हैं, लेकिन पुलिस इसमें पहले ढाबा संचालक को बचा रही थी। आखिर पुलिस इसमें खेल क्यों कर रही थी? जब परतापुर थाने में अभिषेक के परिजनों ने मुकदमा दर्ज करा दिया तो फिर ढाबा संचालक व अन्य हमलावरों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही हैं? आखिर पुलिस की मजबूरी क्या हैं?
दरअसल, शिवा टूरिस्त ढाबा संचालक की ये दबंगई ही कही जाएगी कि एक टूरिस्ट सब्जी खराब होने की शिकायत क्या कर दी कि उसके ऊपर डंडों से हमला कर दिया। अभिषेक दिल्ली निवासी युवक को पहले तो रेस्टोरेंट में ही पीटा गया, फिर उसके बाद दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जो पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ हैं। फुटेज भी डिलिट करने की बात सामने आ रही हैं, लेकिन इसको लेकर पुलिस कुछ नहीं बोल रही हैं।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में ये तथ्य सामने आया है कि अभिषेक को दौड़ाकर पीटा गया, हमलावरों से बचने के लिए अभिषेक हाइवे की तरफ को दौड़ा, तभी ट्रक के नीचे आ गया। यदि उसे दौड़ाया नहीं जाता तो उसकी जान नहीं जाती। इस पूरे घटनाक्रम के लिए ढाबा संचालक जिम्मेदार हैं।
इस तरह का व्यवहार ढाबा संचालक और उनकी टीम का सामने आया हैं, जो कभी भी बवाल करा सकता हैं। इसमें मुकदमा दर्ज हो चुका हैं, फिर भी ढाबा संचालक को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा हैं। आखिर पुलिस किसके दबाव में काम कर रही हैं। इस तरह से टूरिस्ट के साथ किसी भी ढाबे पर इस तरह की घटनाएं घटती रहेगी। आखिर इसके लिए जवाबदेही किसकी हैं?
ढाबे पर कब चलेगा बुलडोजर?
शिवा टूरिस्ट ढाबे का कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं। फिर भी मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों व अफसरों का इस ढाबे को अभयदान दिया गया हैं। यदि किसी मुस्लिम का ये ढाबा हुआ होता तो अब तक पुलिस ने ढाबे पर बुलडोजर चला दिया होता। मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं। फिर भी धड़ल्ले से ढाबा संचालित किया जा रहा हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण हाइवे पर तोड़फोड़ तो कर रहा हैं,
लेकिन इसके खिलाफ सील लगाने तक की प्राधिकरण के इंजीनियर हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। टूरिस्ट की हत्या की घटना के बाद भी मेरठ विकास प्राधिकरण के अफसरों ने इस ढाबे का संज्ञान नहीं लिया हैं। इस तरह से तो तमाम अवैध ढाबे चलते रहेंगे तथा इस तरह की घटनाएं भी वहां पर घटती रहेगी। कार्रवाई नहीं किये जाने से तो यहीं लग रहा हैं।