Sunday, September 24, 2023
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घरों में पशु काटे तो होगा एक्शन

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  • पशुपालन विभाग की ओर से घरों या अन्य स्थानों पर पशुओं को काटने की नहीं कोई अनुमति
  • पशुओं के स्वास्थ्य जांच को तैनात है पशु चिकित्सक

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: घरों में या अन्य किसी स्थान पर किसी व्यक्ति या समूह द्वारा यदि पशुओं का कटान किया जा रहा है तो वह अवैध है, इस पर कार्रवाई होगी। वहीं हापुड़ अड्डे के समीप कमेले में जिन पशुओं का कटान चल रहा है। उनके स्वास्थ्य परिक्षण के लिए पशुपालन विभाग ने पशु चिकित्सक तैनात किया हुआ है। यहां कटान से पहले पशु के स्वास्थ्य की बारीकी से जांच होती है। कोई बीमारी न मिलने पर ही स्वस्थ पशुओं के कटान के लिए पशु चिकित्सक द्वारा सर्टिफिकेट दिया जाता है।

जानकारी के मुताबिक शहर में कहीं पर भी कोई घरों में अवैध कटान करता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पशु पालन विभाग के द्वारा घरों या अन्य किसी स्थान पर पशुओं के काटने की कोई अनुमति नहीं दी जा रही है। बावजूद इसके ऐसा बताया जा रहा है कि शहर के अलग-अलग हिस्सों में घरों एवं अन्य गुप्त स्थानों पर पशुओं का कटान किया जा रहा है। वहीं देहात क्षेत्रों में भी घरों में पशुओं के काटने की बात सामने आ रही है।

पशु पालन विभाग व प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर शहर व देहात में जो अवैध पशु कटान किया जा रहा है अब उस पर कार्रवाई तय है। बताते चलें कि शहर में हापुड़ अड्डे से कुछ दूरी पर स्थित कमेले में पशुओं का कटान किया जा रहा है। यहां कटान के लिए आने वाले पशुओं के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के लिए पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सक तैनात किए गए हैं। जो कटान से पहले पशुओं के स्वास्थ्य का बारीकी से परीक्षण करते हैं।

जब पशु को कोई रोग नहीं होता और पशु पूर्णरूप से स्वस्थ होता है। तभी पशु चिकित्सक द्वारा कटान की मंजूरी मिलती है। उक्त कमेले में जनपद के अलग-अलग हिस्सों के अलावा जनपद के बाहर से भी काफी संख्या में रोजाना पशु कटान के लिए आते हैं।

वहीं जब इस बारे में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश गर्ग से वार्ता की तो उनका कहना था कि घरों में पशुओं के कटान की कोई अनुमति नहीं है। सिर्फ हापुड़ अड्डे के समीप कमेले में कटान हो रहा है। जहां पशुओं के स्वास्थ परीक्षण के डा. अनुज खरे तैनात हैं। सभी पशुओं के स्वास्थ्य का बारीकी से परीक्षण करने के बाद सब कुछ सही पाए जाने पर पशु को काटने की अनुमति दी जाती है।

सत्ता का परिवर्तन होने के बाद शहर के बंद हैं स्लाटर हाउस

मोदीपुरम: उत्तर प्रदेश में सरकार का परिवर्तन होने के बाद से मेरठ में स्लाटर हाउस और मीट यूनिट पर ब्रेक लग गया। क्योंकि मानकों के अनुरुप न पाए जाने पर इन्हे बंद कर दिया गया। हालांकि अभी मेरठ में एक स्लाटर हाउस चल रहा है। यह स्लाटर हाउस पूर्व सांसद शाहिद अखलाक का अल साकिब के नाम से चल रहा है। प्रदूषण विभाग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो स्लाटर हाउस और मीट यूनिट की अनुमति के लिए कई विभागों से अनुमति करानी पड़ती है, लेकिन अनुमति के मानक पूरे न होने के कारण इन्हे बंद कर दिया गया। हालांकि पूर्व सांसद का स्लाटर हाउस जरूर चल रहा है।

प्रदूषण विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार मेरठ शहर में लगभग चार स्लाटर हाउस संचालित थे। धीरे-धीरे प्रदेश में सत्ता का परिवर्तन हुआ तो इन स्लाटर हाउसों पर चाबुक चलना शुरू हो गया। क्योंकि इन स्लाटर हाउसों के संचालन में गड़बड़ी एवं अनियमिता मिलने पर इन्हे बंद कर दिया गया। जबकि आठ अथवा नौ मीट यूनिट संचालित थी, लेकिन फिलहाल यह यूनिट पूरी तरह से बंद कर दी गई है।

इनके संचालन के लिए प्रदूषण विभाग के अलावा एमडीए, जल विभाग, फायर अथवा कई अन्य विभागों से अनुमति लेनी पड़ती है। उसके बाद ही इन्हे संचालन की अनुमति मिलती है, लेकिन फिलहाल कई वर्षो से मेरठ में इनका संचालन पूर्ण रुप से बंद हो गया है। पूर्व सांसद क ा स्लाटर हाउस ही चल रहा है। प्रदूषण विभाग के अधिकारियों की माने तो उनका कहना है कि पूर्व सांसद का स्लाटर हाउस आधुनिक तकनीक से बना है। मानक पूरे होने के बाद इनके स्लाटर हाउस के संचालन को अनुमति दी गई है।

र्इंट-भट्ठों पर भी हुई कार्रवाई

स्लाटर हाउस और मीट यूनिट के बंद होने के साथ-साथ शहर के र्इंट-भट्ठों पर भी कार्रवाई प्रदूषण विभाग द्वारा की गई है। हालांकि विभाग द्वारा यह कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि मानकों के अनुरुप इनके संचालन में अनुमति नहीं थी। जिसके बाद प्रदूषण विभाग द्वारा इन्हे भी बंद कराने की प्रक्रिया शुरू की गई। मेरठ और बागपत में भी दो दर्जन से अधिक ऐसे र्इंट-भट्ठे हैं। जिनके विरुद्ध प्रदूषण विभाग द्वारा बंद की कार्रवाई की गई है।

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