- करोड़ों की जमीन कब्जाई, दिन के उजाले में चल रहा निर्माण कार्य
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैंट बोर्ड की करोड़ों की सम्पत्ति पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया। पहले जगह खाली पड़ी थी, अब वहां पर अस्थाई निर्माण कर कब्जा जमा लिया हैं। आखिर कैंट बोर्ड के अफसर अपनी भी जमीन पर कब्जा करा रहे हैं या आंख मूंदकर बैठे हैं। दिन के उजाले में पहले काम किया, फिर रात में अस्थाई कब्जा हो गया। इसमें कैंट बोर्ड के अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे स्पष्ट है कि कैंट के अफसरों की इसमें मौन स्वीकृति हैं। आखिर ये अफसरों का बर्ताव कभी पहले नहीं देखा।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं सर्कुलर रोड स्थित बंगला नंबर-166 की। पहले जाकिर नामक एक व्यक्ति ने रोड-डस्ट बेचने के नाम पर अस्थाई कब्जा किया। अब सरकारी जमीन को ही हवा में दूसरे को कब्जा दे दिया गया। दिन में कुछ काम किया, लेकिन रात में अस्थाई निर्माण कर दिया। इसे रोका नहीं गया। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता शीतल शर्मा का कहना है कि ये सरकारी जमीन हैं। इस पर किसी तरह का निर्माण नहीं हो सकता। इसमें कैंट बोर्ड अफसरों को कार्रवाई करनी चाहिए थी, मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं।
अब इस मामले को लेकर लखनऊ कमांड के सामने रखा जाएगा। आरोप है कि जाकिर ने पहले गरीबी का नाटक किया और सरकारी जमीन पर रोडी-डस्ट डालने लगा। इस तरह से पूरी जगह को ही कब्जा लिया। इस जमीन की कीमत करोड़ों में बतायी गयी हैं। अब जाकिर ने इस जमीन को किसी अन्य व्यक्ति को हवा में ही बेच दिया हैं, जिसके बाद खरीदने ने अस्थाई निर्माण भी कर दिया हैं। धीरे-धीरे इस जमीन को कब्जाने की कोशिश चल रही हैं। गौरतलब है कि कैंट बोर्ड भंग चल रहा हैं,
जिसके चलते इस तरह के मामले हर रोज सामने आ रहे हैं। कैंट बोर्ड के अफसरों ने आंखें बंद कर ली हैं। ऐसे मामलों में उंगली भी उठ रही हैं, लेकिन इसमें कोई कार्रवाई कैंट बोर्ड कोई कार्रवाई नहीं कर रहा हैं। कैंट बोर्ड के अफसर ध्वस्तीकरण को लेकर भी भेदभाव कर रहे हैं। कैंट बोर्ड ने शनिवार को कई स्थानों पर ध्वस्तीकरण चलाया था, जिसमें इंजीनियरों पर खूब आरोप भी लगे थे। फिर भी सरकारी जमीन कब्जाने के मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही हैं।