Saturday, April 12, 2025
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जोशी बन पाएंगे भाजपा अध्यक्ष?

Samvad 49

KP MALIKभाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर किसे लाया जाए, इस पर पिछले कई महीनों से मंथन चल रहा है। इसे लेकर भाजपा के कई दिग्गजों और संघ के कुछ प्रमुख पदाधिकारियों के बीच कई दौर की बैठकें भी हो चुकीं और आखिरकार अब कुछ नाम निकलकर सामने आने लगे हैं, जिनमें सबसे आगे संघ के पसंदीदा और गडकरी के करीबी संजय जोशी का नाम सबसे आगे है। संजय जोशी वो नेता हैं, जिनकी एक दौर में भाजपा में तूती बोलती थी। ये दौर था 2000 के आस-पास का। भाजपा की पिछड़े वर्ग से आने वाली महिला नेता उमा भारती मध्य प्रदेश में बड़ा चेहरा थीं और उनके प्रयास से ही साल 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को हराकर 173 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था।

मध्य प्रदेश में भाजपा की इस बड़ी जीत के बाद जब उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं, जो मध्य प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री भी थीं, लेकिन वो एक अदालती वारंट के चलते ज्यादा दिन तक मुख्यमंत्री बनी नहीं रह सकींं। उनके इस्तीफे के बाद उन्हीं की अनुशंसा पर भाजपा आलाकमान ने बाबूलाल गौर को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। लेकिन जब अदालती मामला खत्म हुआ, तो उमा भारती ने दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की मांग की, लेकिन न तो बाबूलाल गौर कुर्सी छोड़ने को तैयार थे और न ही उमा भारती मुख्यमंत्री पद से नीचे कोई पद लेने को तैयार थीं। उन्होंने दोबारा मुख्यमंत्री पद हासिल करने के लिए पार्टी में खिलाफत शुरू कर दी। पार्टी नेतृत्व ने उनकी खिलाफत देखते हुए शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया, लेकिन उमा का कद भी कोई छोटा कद नहीं था और पार्टी आलाकमान के लिए यह मुश्किल हो गया था कि वो क्या करें।

इसी दौरान मध्य प्रदेश के भाजपा नेता और संघ की सेवा में चुपचाप लगे रहने वाले कार्यकर्ता संजय जोशी, जो उस समय मध्य प्रदेश भाजपा संगठन के महामंत्री थे, उन्हें इस राजनीति संकट से निपटने हेतु कमान दी गई, उन्होंने बाबूलाल गौर को हटाकर शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाया और उस समय भाजपा के राजनीतिक संकट को समाप्त करने में कामयाब हो गए। इसी दौरान एक मंच पर से उमा भारती को संजय जोशी ने नीचे उतार दिया और यहीं से कहानी ने एक नया मोड़ तब ले लिया, जब इस घटना के कुछ समय बाद साल 2005 में मुंबई में पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन से ठीक पहले संजय जोशी की कथित रूप से एक सेक्स सीडी सामने आ गई। इस सीडी में संघ के ही उस समय के एक बड़े नेता की बेटी का नाम कथित तौर पर आया, लेकिन इस मामले में जांच कर रहे मध्य प्रदेश के तत्कालीन डीजीपी स्वराज पुरी, सीआईडी के कुछ अधिकारी और पुरी के एक विश्वासपात्र आईजी ने 20 दिनों के अंदर गंभीर जांच कर संजय जोशी और उस महिला को क्लीन चिट दे दी। हालांकि विरोधी इस सीडी कांड से संजय जोशी का कैरियर एक प्रकार से चौपट करने में लगभग कामयाब रहे और जोशी को किनारे कर दिया गया, लेकिन वो चुपचाप भाजपा और संघ के लिए काम करते रहे।

बहरहाल, संजय जोशी पर इस आरोप के बाद देश की राजनीति में इतना कोहराम मचा कि संजय जोशी के आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लेने पर लोगों ने फब्तियां कसनी शुरू कर दी थीं। लेकिन दो दशकों से अधिक समय बीतने के बाद भी संजय जोशी सक्रिय हैं। विरोधी तमाम षड्यंत्र करने के बाद भी संजय जोशी के हौसलों को नहीं डिगा पाए, उसी का नतीजा है कि संजय जोशी का नाम आज राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए सुर्खियों में है। बताते हैं कि ये सीडी करीब डेढ़ घंटे की थी, जो गुजरात के एक होटल में रिकॉर्ड की गई थी। इस सीडी को गुजरात से एक कोरियर कंपनी के जरिए पूरे देश में फैलाया गया। हालांकि उस पर एमपी नगर, भोपाल का पता लिखा था, जो कि उसी कोरियर कंपनी का घोषित पता था।

जब से चर्चा शुरू हुई है कि संजय जोशी भाजपा अध्यक्ष बनने जा रहे हैं तो न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि कुछ गुजराती नेताओं में खलबली मची हुई है, जबकि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान तो हैरान-परेशान हैं। क्योंकि बताते हैं कि जिस समय संजय जोशी सीडी कांड के आरोपों से घिरे थे, उस समय उनके कई विश्वासपात्रों ने अपने हाथ खींच लिए थे, जिनमें से एक शिवराज चौहान भी थे, जबकि शिवराज सिंह चौहान को संजय जोशी ने ही मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनवाने में अहम भूमिका निभाई थी। अब संजय जोशी के भाजपा का अध्यक्ष बनने की संभावना से कोटरी के नेताओं में खलबली मची हुई है, जो उस समय संजय जोशी के खिलाफ थे। मेरा दावा है कि जिन नेताओं का सीडी कांड के पीछ हाथ था। अगर संजय जोशी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं, जिसकी पूरी-पूरी संभावना है, तो कई राज्यों की सत्ताओं के साथ ही केंद्र में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव होना तय है, उसी के चलते इन नेताओं में खलबली मची हुई है।

हालांकि संजय जोशी के लिए ये सब इतना जल्दी करना आसान नहीं होगा, उसके लिए उनको मजबूती के साथ स्थापित होकर सियासी अखाड़े का माहिर खिलाड़ी बनना होगा, क्योंकि इन दिनों जो लोग केंद्र की सत्ता में काबिज हैं, जिनमें प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मात देना बड़ी चुनौती है। भले ही बैसाखियों के सहारे और एनडीए के घटक दलों के समर्थन से ही सही, लेकिन केंद्र में तीसरी बार सरकार तो चला ही रहे हैं।

बहरहाल, भाजपा अध्यक्ष पद पर फिलहाल जेपी नड्डा हैं, जो विस्तार पर चल रहे हैं। और भाजपा अध्यक्ष पद पर नए चेहरे की तलाश में अब संघ की पसंद संजय जोशी पहले नंबर पर हैं। हालांकि अभी से कोई बड़ा दावा नहीं किया जा सकता कि कौन भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा, लेकिन अगर संजय जोशी भाजपा अध्यक्ष बने, तो फिर भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की दिक्कत बढ़ जाएगी, ये तय माना जा रहा है। फिलहाल तो केवल इंतजार करना होगा कि अगला भाजपा अध्यक्ष कौन होगा?

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