- एक्सईएन ने बिना मौके पर जाये ही लगा दी झूठी जांच रिपोर्ट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: विद्युत नगरीय वितरण खंड चतुर्थ मेरठ के एसडीओ (एमईए) प्रेमराज और सौफीपुर बिजलीघर के जेई श्रीकांत ने मिलकर रुड़की रोड पेट्रोल पंप के पीछे शांति निकेतन कॉलोनी में प्लॉट नंबर-3 (खसरा नंबर 727) पर एक कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन के लिए कमर्शियल कनेक्शन बिना लोड अप्रूवल और बिना एस्टीमेट जमा किए दे दिया, जिसकी शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता नरेश शर्मा ने उच्च अधिकारियों की थी।
जिसकी जांच रिपोर्ट एक्सईएन को देनी थी, लेकिन आरोप है कि एक्सईएन ने बिना मौके पर जाए दोषी एसडीओ से उन्हीं की जांच कराकर झूठी जांच रिपोर्ट एमडी आॅफिस के शिकायत प्रकोष्ठ को भेज दी और पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मैंने साइट विजिट नहीं की है। एसडीओ ने जो जांच रिपोर्ट मुझे दी उसी के आधार पर मैंने आगे जांच रिपोर्ट सबमिट कर दी। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश शर्मा ने बताया कि विद्युत आपूर्ति संहिता 2005 के अनुसार किसी भी आवासीय या वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स पर जेई/एसडीओ द्वारा बनाये गए एस्टीमेट को उपभोक्ता से जमा कराकर अलग ट्रांसफार्मर लगाकर ही कनेक्शन दिया जा सकता है।
जबकि इस प्रकरण में तो कॉम्प्लेक्स की दूरी पुराने ट्रांसफार्मर से 40 मीटर से ज्यादा है और पुराना ट्रांसफार्मर पहले से ही ओवरलोडेड है। इसलिए पहले जब विनय पुत्र विक्रम ने कनेक्शन के लिए झटपट पोर्टल पर आवेदन किया था, तो जेई, एसडीओ द्वारा उस पर आपत्ति लगा दी गई थी, लेकिन बाद में उपभोक्ता से समझौता कर कर मोटी रिश्वत लेकर विनय को सलाह दी गई कि वह अपनी पत्नी आरती चौधरी के नाम से दूसरा आवेदन कर दे और उस आवेदन पर बिना एस्टीमेट और ट्रांसफार्मर ही कनेक्शन दे दिया गया। इसके अलावा 4 किलोवाट से बड़े कनेक्शन के लिए एसडीओ की भी रिपोर्ट लगती है, सिर्फ जेई चार किलोवाट से बड़ा कनेक्शन नहीं दे सकता।
वहीं, इस संबंध में जब अधिशासी अभियंता अमित कुमार पाल से जब जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि एसडीओ से जांच करायी गयी है। रिपोर्ट ऊपर भेज दी है। जब उन्हें बताया गया कि ई रिक्शा चार्जिंग स्टेशन जैसा तो कोई नामोनिशान मौके पर नहीं है, जिसके नाम पर कनेक्शन जारी किया गया, यदि मौके पर जाकर मुआयना किया जाए तो सारे खेल का खुलासा हो जाएगा। उन्होंने दफ्तर पहुंचकर जानकारी देने की बात कही।