जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में 25 जून को एक छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना ने राज्यभर में आक्रोश फैला दिया है। इस गंभीर मामले में अब राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कोलकाता पुलिस से तीन दिनों के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
महिला आयोग ने मांगी रिपोर्ट, पीड़िता को राहत देने के निर्देश
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। आयोग ने इस अपराध की बीएनएस के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत तत्काल और समयबद्ध जांच की मांग की है। साथ ही, पीड़िता को बीएनएसएस की धारा 396 के तहत मुआवजा, और चिकित्सा, मानसिक एवं कानूनी सहायता प्रदान करने का निर्देश भी दिया गया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने कोलकाता में हुई एक चौंकाने वाली घटना का स्वतः संज्ञान लिया है, जहां एक लॉ छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में दो वर्तमान छात्रों और एक पूर्व छात्र द्वारा कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था: NCW pic.twitter.com/RK7Q46Tgai
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 27, 2025
तीन आरोपी हिरासत में
घटना की जांच कर रही कस्बा पुलिस ने मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुकोपाध्याय को गिरफ्तार किया है। तीनों पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर कॉलेज परिसर में छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार किया। कोलकाता पुलिस ने पुष्टि की है कि FIR में नामजद इन आरोपियों को दक्षिण 24 परगना के अलीपुर कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
मामला सामने आने के बाद बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर तीखा हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार ने कहा, “जब तक ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं और TMC सत्ता में है, तब तक ऐसी घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं। TMC हत्या, बलात्कार और चोरी में माहिर है। गुंडों को प्रशासन का कोई डर नहीं है, क्योंकि उन्हें ममता सरकार की सुरक्षा मिली हुई है।”
आरापी पक्ष की ओर से क्या कहा गया?
आरोपी पक्ष की दलील वहीं, आरोपी मनोजीत मिश्रा के वकील आजम खान ने कोर्ट में बयान देते हुए कहा, “पीड़िता और आरोपी के बीच पहले से जान-पहचान थी। लड़की भी राजनीति में सक्रिय थी। दोनों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद यह शिकायत दर्ज कराई गई है। मामला पूरी तरह से एकपक्षीय नहीं है।”
बता दें कि, कोर्ट ने फिलहाल 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत की मंजूरी दी है, जिससे पुलिस को आगे की जांच के लिए समय मिल सके।
कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर सवाल
गंभीर सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब कॉलेज आमतौर पर शाम 5 बजे बंद हो जाता है, तो छात्रा और आरोपी कॉलेज परिसर में रात 10:50 बजे तक कैसे मौजूद थे। इस सवाल ने कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर भी संदेह खड़े कर दिए हैं।