नरगिस फाखरी ने रनबीर कपूर के साथ वाली फिल्म ‘रॉक स्टार’ (2011) से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म का हिस्सा बनने के बाद वह रातों रात स्टार बन गई। इसके बाद वह ‘मद्रास कैफे’ (2013) ‘फटा पोस्टर निकला हीरो’ (2013) ‘मैं मेरा हीरो’ (2014) ‘अजहर’ (2016) और ‘हाउसफुल 3’ (2016) जैसी फिल्मों में नजर आई । ‘फटा पोस्टर निकला हीरो’ में नरगिस महज एक आइटम नंबर में थीं जिसे खासा पसंद किया गया। उसके बाद उन्हें ‘किक’ (2014) में फिर एक बार आइटम नंबर करने का अवसर मिला। ‘ढिशुम’ (2016) में उनका एक कैमियो था। ‘रॉक स्टार’ के जरिये शानदार शुरुआती संकेत देने वाली नरगिस को इस तरह के आयटम नंबर या कैमियो से संतुष्टि नहीं हो सकी। तभी नरगिस फाखरी भारत छोडकर न्यूयार्क चली गई।
इस घटना से उनके प्रशंसकों को खासी निराशा हुई। एक लंबे ब्रेक के बाद नरगिस एक बार फिर इंडिया वापस आ गई। वापसी के इस दौर में कैरियर को फिर से पहले की तरह शुरू करने के लिए नरगिस लगातार कोशिशों में जुटी हैं, लेकिन बॉलीवुड मेकर हैं कि उन्हें घास डालने के कतई मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। वापसी के बाद उनकी आखिरी फिल्म ‘तोरबाज’ थी जो में नेटफ्लिक्स पर आॅन स्ट्रीम हुई थी। इन दिनों नरगिस फाखरी एक तेलुगु फिल्म ‘हरी हारा वीरा मल्लू’ कर रही हैं।
प्रस्तुत हैं उनके साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:
आपको बॉलीवुड ने हाथों हाथ लिया और सिर माथे पर बैठाया लेकिन आप अचानक 2016 में सब कुछ छोड़ छोडकर न्यूयार्क वापस लौट गई । आखिर आपने ऐसा क्यों किया?
मैं अपनी फैमिली और फ्रेंडस को मिस कर रही थी। मुझे ओवर वर्क के कारण काफी स्ट्रेस फील होने लगा था। मुझे लगने लगा था कि जो मैं कर रही हूं वो चीजें मुझे खुशी नहीं दे पा रही हैं। मैं अपनी बॉडी और माइंड को बैलेंस करना चाहती थी, इसलिए मैंने वह कदम उठाया।
लेकिन आपको ऐसा नहीं लगा कि यदि आपने काम से ब्रेक लिया तो आपका बड़ा नुकसान हो सकता है?
मैं इस बात को अच्छी तरह जानती थी, लेकिन मैंने इसकी परवाह नहीं की। उस वक्त मेरे लिए सिर्फ मैं और मेरा सुकून ज्यादा जरूरी था।
अब जबकि आप फिर से लौट आई हैं, कभी यह जानने की कोशिश की कि यहां से अचानक चले जाने की वजह से आपका कितना नुकसान हुआ?
काम से ब्रेक लेने के पहले मेरे दिमाग में काम से हाथ धोने का जो डर था, वह पूरी तरह सच साबित हुआ है लेकिन यदि प्रेक्टिकली देखा जाए तो जब आप अपने लिए वक्त निकालते हो, अपनी केयर करते हो तब आप कुछ नहीं खोते बल्कि असल में उस वक्त आप जीतते हो।
जब आप न्यूयार्क में थीं, वह कौनसी चीज थी, जिसने आपको यहां लौटने के लिए मजबूर किया?
जिस तरह की मेरी जरूरतें हैं, उनके लिहाज से इकोनोमिकली मैं काफी मजबूत हूं लेकिन काम हर किसी के लिए जरूरी होता है। मुझे लगा कि फिर से काम करना चाहिए और बस एक ही काम मुझे आता है और वह है एक्टिंग। इसलिए मैं लौट आई। अब मैं चाहती हूं कि पहले की तरह फिर से यहां फिल्में करूं। उम्मीद करती हूं कि जल्दी ही अच्छे आॅफर मुझे मिलने लगेंगे।
आप अपनी लव लाइफ में एक बार धोखा खा चुकी हैं। क्या इसके बाद प्यार पर से पूरी तरह भरोसा उठ चुका है। या इसके लिए फिर से ट्राई करना चाहेंगी?
बेशक एक एक्ट्रेस होने के नाते एक्टिंग मेरा प्रोफेशन है लेकिन इसके बावजूद मेरी भी एक पर्सनल लाइफ है और मैं भी किसी आम लड़की की तरह इसे जीना पसंद करूंगी। मैं एक ऐसा साथी चाहती हूं जिसे जीवन साथी बनाने के बाद वह हर कदम पर मुझे सपोर्ट करे न कि मेरे काम में नुक्ताचीनी करता फिरे।
सुभाष शिरढोनकर