जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में कॉरिडोर पर रैपिड रेल का काम तेजी पकड़ रहा है। बेगमपुल पर भूमिगत स्टेशन का तेजी से निर्माण चल रहा है। रात-दिन इस पर काम चल रहा है। परतापुर में पिलर्स बनकर तैयार हो गए हैं। अब उन पर गाडर रखने का काम चलेगा। ये गाडर शताब्दीनगर स्थित यार्ड में बनकर तैयार हो गए हैं, जिनको रखने की प्रक्रिया जल्द ही चालू कर दी जाएगी।
इसके बाद इस पर रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस दिशा में भी तेजी से काम चल रहा है। फुटबाल चौराहे से बेगमपुल तक भूमिगत टनल खुदाई का काम चालू किया जाएगा। इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर दी गई है।
रोजाना आठ लाख लोगों के सफर का अनुमान
मेरठ से दिल्ली के बीच सफर 60 मिनट में पूरा होगा और इस दौरान यह ट्रेन 25 स्टेशनों पर रुकेगी। तीन स्टेशन सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार दिल्ली जबकि शेष 21 उत्तर प्रदेश के हैं।
जंगपुरा का यह नया स्टेशन जुड़ने के बाद दिल्ली में चार स्टेशन हो जाएंगे। इसके बाद यह कुल 25 स्टेशनों के यात्रियों को सीधे-सीधे फायद देगा। एक अनुमान के मुताबिक, इस रूट पर रोज आठ लाख यात्रियों के सफर करने का अनुमान है।
2025 से शुरू होना है पूरे कारिडोर पर परिचालन
गौरतलब है कि 82 किमी लंबा यह कॉरिडोर सराय काले खां से मोदीपुरम डिपो के बीच बन रहा है। इसमें 68 किमी का ट्रैक उत्तर प्रदेश जबकि 14 किमी का दिल्ली में पड़ता है। पूरे कॉरिडोर पर परिचालन 2025 से शुरू होना है, लेकिन साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड का परिचालन 2023 से प्रस्तावित है।
कॉरिडोर में आॅपरेशन कंट्रोल सेंटर भी बनाया जाएगा
जानकारी के मुताबिक जंगपुरा में एक स्टैब्लिंग यार्ड का निर्माण एनसीआर परिवहन निगम पहले से ही कर रहा है जो आरआरटीएस के प्रथम फेज के तीनों कारिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी एवं दिल्ली-पानीपत के लिए ट्रेनें मुहैया कराएगा।
बनाया जाना वाला नया जंगपुरा स्टेशन इसी स्टैब्लिंग यार्ड का विस्तार होगा। मालूम हो कि स्टैब्लिंग यार्ड में ट्रेनों की साफ-सफाई, रखरखाव तथा मरम्मत के अलावा तीनों कारिडोर में ट्रेनों के समयबद्ध परिचालन की निगरानी एवं नियंत्रण के लिए आॅपरेशन कंट्रोल सेंटर भी बनाया जाएगा।
एनसीआर परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि आरआरटीएस का उदेश्य यही है कि आम जनता तक रैपिड रेल की ज्यादा से ज्यादा पहुंच सुनिश्चित की जाए। जंगपुरा आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण इसी का हिस्सा है जिसका फायदा उन यात्रियों को मिलेगा जो जंगपुरा और इसके आसपास दक्षिणी दिल्ली के क्षेत्रों से रहते हैं।