जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: राजधानी लखनऊ में स्मॉग और गिरते पारे का असर इस सीजन में पहली बार दिखने लगा है। लोगों ने कंबल-जैकेट-स्वेटर तक निकाल लिए और कई दोपहिया वाहन सवार सुबह के समय जैकेट में नजर आने लगे हैं।
मौसम विज्ञानी और भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि दीपावली पर दागे गए पटाखों के धुएं से बनी चादर ने सूरज की किरणों को धरती तक आने में रोक दिया।
इसके चलते पारा गिरा और वायु प्रदूषण भी बढ़ गया। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से पछुआ हवाएं जल्द चलेंगी। इससे प्रदूषण का स्तर तो कम होगा, पर सर्दी बढ़ेगी।
हालांकि, मंगलवार सुबह 11 बजे तक अलीगंज, गोमती नगर, बीबीएयू व कुकरैल के इलाकों की हवा थोड़ा बेहतर हुई है पर लालबाग और तालकटोरा इलाके की हवा अब भी खराब है जबकि ओवरऑल लखनऊ की हवा अभी बहुत खराब स्थिति में है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक, जेपी गुप्ता के मुताबिक, प्रदूषण का असर मौसम पर दिख रहा है। यही वजह है कि धुंध के साथ प्रदूषक कण बने हुए हैं। वहीं, यूपीपीसीबी ने भी अलर्ट किया है कि आने वाले दो-तीन दिन तक स्मॉग से वायु प्रदूषण बढ़ा रह सकता है।
ऐसे बदली शहर की हवा
नवंबर — एक्यूआई
पांच — 278, खराब
छह — 260, खराब
सात — 299, खराब
आठ — 338, बहुत खराब
कहां कितना एक्यूआई
इलाका — एक्यूआई
तालकटोरा — 377, बहुत खराब
अलीगंज — 227, थोड़ा बेहतर
लालबाग — 335, बहुत खराब
गोमतीनगर — 255, थोड़ा बेहतर
बीबीएयू — 227, थोड़ा बेहतर
कुकरैल — 220, थोड़ा बेहतर
तीन दिन तक पारे का असर
नवंबर — अधिकतम — न्यूनतम
08 — 27.0 — 14.0
09 — 27.0 — 14.0
10 — 28.2 — 14.0
बीते दिनों में यूं गिरा-चढ़ा पारा
नवंबर — अधिकतम — न्यूनतम
07 — 26.2 — 14.8
06 — 28.3 — 14.8
05 — 29.7 — 16.7
04 — 29.6 — 16.2
दिन की कम होती अवधि के साथ बढ़ेगी ठंड
लखनऊ विश्वविद्यालय में भू-विज्ञान के प्रो. ध्रुवसेन सिंह कहते हैं कि दिन के छोटे होने का मतलब है कि सूर्य के प्रभाव का वक्त कम हो रहा है। वहीं, पटाखों के धुएं से छाई चादर ने सूर्य की किरणों को रोक दिया है।
इससे ठंड बढ़ गई है। वरिष्ठ वैज्ञानिक सीएम नौटियाल कहते हैं कि सर्दी में भूतल का तापमान कम होता है। हवा ठंडी होने के कारण प्रदूषण को ऊपर नहीं ले जा पाती है, यही वजह है कि प्रदूषण का पिंजरा धरती के आसपास निर्मित होता है।
दो-तीन दिन तक बढ़ा रहेगा प्रदूषण
पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. रामकरन का कहना है कि हवा थमने के चलते धुएं के कणों के पूरी तरह नहीं छंट पाने से वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ है। वायु प्रदूषण को कम करने के जरूरी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
जहां सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं, नगर निगम की मदद से स्मॉग गन का उपयोग कर हवा और पेड़ों पर जमी धूल व धुएं के कणों को हटाया जा रहा है।
सबसे अधिक चौंकाने वाली स्थिति औद्योगिक इलाकों की है। तालकटोरा आदि में फैक्टिरयां दीपावली के चलते बंद थीं। फिर भी यहां प्रदूषण बढ़ा हुआ है।