Monday, July 8, 2024
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शुभ संयोग में पूजा से होगी मनोवांछित फल की प्राप्ति

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  • हनुमान जन्मोत्सव पर शनि व राहु केतु के प्रभाव के लिए हनुमानजी की आराधना विशेष फलदायी
  • शनि की साढ़े साती और ढैया के लिए भी हनुमान जी की आराधना मंगलकारी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि यानी रामनवमी के ठीक छह दिन बाद हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है। ये पर्व विश्वभर में हनुमत भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। बड़े-बड़े पर्वत उठाने वाले, समुद्र लांघ जाने वाले और स्वयं ईश्वर का कार्य संवारने वाले संकटमोचन हनुमान का अवतरण चैत्र माह में पूर्णिमा तिथि को हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हनुमान जन्मोत्सव पर भगवान हनुमान की पूजा आराधना का विशेष महत्व होता है।

मान्यता है कि हनुमान जन्मोत्सव के दिन विधि विधान से महाबली हनुमान की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य मनीष स्वामी ने बताया की चैत्र पूर्णिमा तिथि 5 अप्रैल सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो गई है। वहीं इसका समापन आज सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर होगा। हनुमान जी का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हुआ था।

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इस साल हनुमान जयंती आज दिन मनाई जाएगी। बजरंगबली की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 6 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक का है। इस दिन का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 2 से दोपहर 12 बजकर 53 तक है। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर हनुमान जयंती आज मनाई जाएगी। इस दिन व्रत रखा जाएगा और वीर बजरंगबली की पूजा की जाएगी।

उदयातिथि के अनुसार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी

हनुमान जयंती पर शुभ संयोग पंचांगीय गणना के अनुसार चैत्र पूर्णिमा पर 6 अप्रैल को 12 साल बाद गुरु आदित्य योग में भगवान हनुमानजी जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ज्योतिष के अनुसार हनुमान प्राकट्योत्सव पर मंगल, शनि व राहु केतु की अनुकूलता के लिए हनुमानजी की आराधना विशेष फलदायी है। पंचांगीय गणना के हिसाब से देखें तो तिथिवार, नक्षत्र, योग व करण का यह संयोग आराधना की दृष्टि से श्रेष्ठ है।

इस दिन से शुरू की गई हनुमान आराधना भक्तों को सुख-समृद्घि प्रदान करेगी साथ ही शनि की ढैया व साढ़ेसाती से प्रभावित जातकों को लाभ होगा।ज्योतिष शास्त्र में योग संयोग के अनुक्रम बनते रहते हैं। विशिष्ट पर्व काल पर यदि कोई संयोग बनता है तो उसकी खासियत विशेष हो जाती है। चूंकि हनुमान जी के प्राकट्य दिवस पर गुरु आदित्य का युति संबंध 12 वर्ष बाद बन रहा है,

जो अत्यंत ही श्रेष्ठ योग है। ग्रह गोचर की गणना के अनुसार बृहस्पति का एक राशि में गोचर 1 वर्ष का होता है और वर्ष में आने वाला मुख्य त्यौहार भी वर्ष में एक बार ही आता है। इस गणना को दृष्टिगत रखते हुए देखें तो हनुमान जी के प्राकट्य दिवस पर गुरु आदित्य का यह संयोग 12 वर्ष बाद बन रहा है। इसमें विशिष्ट उपासना लाभकारी मानी जाती है।

हनुमान जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त

दोपहर 12 बजकर 23 से 1 बजकर 58 अपराह्न तक पूजा का शुभ श्रेष्ठ मुहूर्त चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि आरंभ: 5 अप्रैल बुधवार प्रात: 9 बजकर 19 बजे से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि समाप्त: 6 अप्रैल गुरुवार प्रात: 10 बजकर 4 बजे तक है।

इस दिन चोला चढ़ाएं और लड्डू और पान का भोग लगाए

हनुमान जन्मोत्सव के दिन बजरंग बली को सिंदूर का चोला चढ़ाएं और चमेली के फूलों की माला पहनाएं व लाल लंगोट बांधें। जिससे आपके जीवन विघ्न बाधाएं दूर होंगी। हनुमान को बेसन के लड्डू और मीठा पान अत्यंत प्रिय है। ऐसे में इस खास दिन पर हनुमान जी को बेसन के लड्डू, मीठे पान का भोग लगाएं।

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मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अचर बिहारी

चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को शहर भर में श्री हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। शहर के सभी हनुमान मंदिरों में इस दौरान हनुमान चालीसा पाठ, सुंदरकांड व अखंड रामायण का पाठ किया जाएगा। हनुमान जयंती को लेकर शहर के प्रमुख हनुमान मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। बुधवार को वेस्ट एंड रोड स्थित बालाजी, शनिधाम मंदिर, बांबे बाजार स्थित हनुमान मंदिर व बुढ़ाना गेट स्थित सिद्धपीठ हनुमान मंदिर रंग-बिरंगी लाइटों से जगमग हो उठे है।

बुढ़ाना गेट हनुमान मंदिर में हुआ सुंदरकांड

बुढ़ाना गेट स्थित प्राचीन सिद्धपीठ हनुमान मंदिर में तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार शाम को सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। मंदिर समिति के प्रबंधक अनिल पाठक ने बताया कि हनुमान जन्मोत्सव पर प्रात: चार बजे से ही हनुमान जी महाराज को चोला अर्पण किया जाएगा। हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिर में भक्तों की लंबी कतार लगती है। दोपहर में भंडारा आयोजित होगा।

गौरव पाठक, पंडित देवेंद्र व अन्य मौजूद रहे। वही शास्त्रीनगर में अखंड रामायण पाठ व एल ब्लाक शास्त्रीनगर स्थित गणेश मंदिर तिकोना पार्क में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया। गणेश मंदिर समिति के नरेश चंद्र अग्रवाल, सुभाष चंद्र गोयल, राजेंद्र गुप्ता, नवीन चंद्र अग्रवाल, विनोद गर्ग, कमल गुप्ता, अरुण त्यागी, रवि प्रकाश अग्रवाल, अशोक शर्मा व विजयपाल सिंह ने सस्वर पाठ किया।

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