- रूट से इतर चलने वाले ई-रिक्शा चालकों पर की जाएगी सख्ती
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ई-रिक्शाओं से होने वाली जाम की मुसीबत से सोमवार से राहत मिलने की पूरी उम्मीद है। दरअसल, एसपी टैÑफिक ने ई-रिक्शाओं के लिए रूट तय कर दिए हैं। केवल निर्धारित रूटों पर ही ई-रिक्शा संचालित किए जाएंगे। इनसे बाहर यदि कोई ई-रिक्शा चलता पाया जाएगा तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। एसपी टैÑफिक राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि शहर में ई-रिक्शा चार रूटों पर चलेंगे। इसको लेकर बनाया जा रहा प्लान फाइनल हो गया है। सोमवार से ई-रिक्शा के नंबरिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगा।
इसके बाद ई-रिक्शा केवल उस रूट पर ही चल सकेंगे, जो उसको आवंटित किया जाएगा। अफसरों की मानें तो एक माह के भीतर पूरी व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया जाएगा। शहर में करीब 16 हजार ई-रिक्शा पंजीकृत है जबकि अपंजीकृत ई-रिक्शा की संख्या इसकी भी दोगुनी है। कोई प्लानिंग न होने के कारण यह ई-रिक्शा ट्रैफिक व्यवस्था को बिगाड़ने का काम करते आए हैं। कई बार अभियान चलाया गया
लेकिन मनमानी नहीं रुकी। करीब आठ माह पूर्व मंडलायुक्त की मीटिंग में ई-रिक्शा पर मंथन हुआ। निर्णय लिया गया कि ट्रैफिक विभाग, आरटीओ और नगर निगम मिलकर इनके रूट निर्धारित करेंगे और उन्हीं के अनुरूप ई-रिक्शा का संचालन होगा। प्लानिंग पर काम शुरू भी हो गया लेकिन चुनाव, त्योहार व कांवड़ यात्रा के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब एक बार फिर ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम शुरू हुआ है।
आवास के अनुसार आवंटन
जो प्लानिंग की गई है, उसमें ई-रिक्शा चलाने वाले के घर के अनुसार ही उसे रूट आवंटित होगा। इसके लिए कैंप लगेगा, जिसमें ई-रिक्शा चालक अपने कागजों के साथ पहुंचेंगे। जिनके कागजात पूरे होंगे, उनको रूट आवंटित किया जाएगा। बिना रूट के कोई ई-रिक्शा नहीं चलेगा।
बीएसए को लगाई डीएम ने कड़ी फटकार
मेरठ: बीएसए पर गंभीर आरोप लगाते हुए सेलरी के लिए परेशान आदर्श जूनियर हाईस्कूल सांधन मवाना के प्रधानाचार्य अमरपाल की तहसील दिवस पर गुहार के बाद डीएम दीपक मीणा ने बीएसए आशा चौधरी को मौके पर तलब कर लिया और सेलरी में आ रही परेशानियों को लेकर जमकर फटकार भी लगायी और हिदायत दी कि यदि कोई काम समझ में नहीं आ रहा हो तो आकर जानकरी कर लें या फिर अधिनस्थों से पूछ लें। साथ ही हिदायत भी दी कि तत्काल स्कूल के स्टॉफ की सेलरी बंटवाने की माकूल व्यवस्था की जाए।
ये है पूरा मामला
आदर्श जूनियर हाईस्कूल सांधन मवाना की दो-दो प्रबंध समितियों के विवाद में बीएसए ने गत एक अप्रैल को प्रबंधक ब्रजपाल के साइन शून्य कर दिए। हस्ताक्षर शून्य किए जाने के बाद उनके सभी प्रकार के वित्तीय अधिकार स्वत: समाप्त हो गए। आरोप है कि लेकिन इसके बावजूद स्कूल के स्टॉफ की सेलरी के माह अप्रैल व मई के बिलों पर साइन किया। मुसीबत यहीं तक नहीं रही, जिस शख्स के साइन बीएसए ने शून्य किए थे उस शख्स के साइन किए बिलों पर बीएसए आॅफिस के एओ ने स्टॉफ की सेलरी रिलीज कर दी। इस चूक का जब खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया।
गलती का खुलासा होने के बाद इतना हुआ कि स्टॉफ की सेलरी जो बिल कालातीत बजायी जा रही स िब्रजपाल ने साइन कर भेजे थे, उन पर इस बार बीएसए आॅफिस के एओ ने सेलरी रिलीज नहीं की। अब दो माह से स्टॉफ को सेलरी का इंतजार है। इसको लेकर शनिवार को अमरपाल मवाना में तहसील दिवस में जा पहुंचे और डीएम दीपक मीणा को पूरे मामले की जानकारी देते हुए राहत की गुहार लगायी। डीएम ने भी उन्हें निराश नहीं किया। वहीं पर बीएसए तलब कर लिया।