करियर की अद्भुत दुनिया
हाल के वर्षों में इनफार्मेशन टेक्नॉलजी का तेजी से डेवलपमेंट हुआ है। इसके परिणामस्वरूप इंटरनेट के डोमेन मे भी हैरतअंगेज क्रांति आई है। इंटरनेट के तेजी से विकास के कारण मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति हुई हैं।
इसके फलस्वरूप युवा पीढ़ी के लिए इन क्षेत्रों में रोजगार के निम्नांकित अवसर बड़े पैमाने पर उपलब्ध हुए हैं-
ग्राफिक डिजाइनर में संभावनाएं
ग्राफिक डिजाइनर का मुख्य काम संवाद और समाचार को दृश्य रूप में प्रस्तुत करना होता है। समाचार पत्र, पत्रिकाएं, वेब पत्रकारिता (आनलाइन जर्नलिज्म) के अतिरिक्त सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में आप जिस ग्राफिक और आकर्षक तस्वीरों को देखते हैं वे सभी उनमें कार्य करनेवाले ग्राफिक डिजाइनर्स की रचनाएं होती हैं।
विज्ञापन एजेंसी से लेकर टेलीविजन उद्योग तक
ग्राफिक डिजाइनर की मांग बड़े पैमाने पर होती है, और यही कारण है कि हाल के वर्षों में ग्राफिक डिजाइनर के लिए रोजगार के अवसर का बाजार भी बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
कोर्स कहां से करें?
वैश्विक बाजार के वर्तमान युग में ग्राफिक डिजाइनिंग का कोर्स एक फैशनेबल और आधुनिक कोर्स माना जाता है। ग्राफिक डिजाइनिंग का कोर्स ‘प्लस टू’ पास करने के बाद से ही शुरू किया जा सकता है।
ग्राफिक डिजाइनिंग के मुख्य कोर्स निम्नांकित हैं-
- फाइन आर्ट्स एंड ग्राफिक डिजाइनिंग में बैचलर डिग्री
- पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन डिजाइन, विजुअल कम्युनिकेशन डिजाइन प्रोग्राम
- ग्रेजुएट डिप्लोमा इन डिजाइन
- पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन एडवरटाइजिंग एंड विजूअल कम्युनिकेशन
- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एप्लाइड आर्ट्स एंड डिजिटल आर्ट्स
- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्रिंटिंग एंड मीडिया इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन विजुअल कम्युनिकेशन
ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स के प्रमुख संस्थान - सृष्टि स्कूल आफ आर्ट, डिजाईन एंड टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु
- नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन, अहमदाबाद
- इंडस्ट्रियल डिजाइन सेंटर, आईआईटी मुंबई, आईआईटी कानपूर, आईआईटी गुवाहाटी
- डिपार्टमेंट आफ डिजाइन, महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, पुणे
रोजगार के अवसर
ग्राफिक डिजाइनर के लिए प्रिंट मीडिया एवं दृश्य मीडिया में एक अच्छे वेतन के साथ रोजगार के बेशुमार अवसर उपलब्ध हैं।
ग्राफिक डिजाइनिंग में डिग्री और डिप्लोमा के साथ छात्र क्रिएटिव डायरेक्टर, आर्ट डायरेक्टर, लोगो डिजाइनर, लेआउट आर्टिस्ट्स, ब्रांड आइडेंटिटी डिजाइनर, फ़्लैश डिजाइनर, मल्टीमीडिया डिजाइनर और अन्य बड़े पदों के रूप में रोजगार पा सकता है।
एनीमेशन-करियर का तेजी से उभरता क्षेत्र
आपने बच्चों को टेलीविजन के कार्टून चैनल्स के रूप में डोरेमोन, मिक्की माउस, डोनाल्ड डक, छोटा भीम, रामायण, महाभारत, श्रीकृष्ण, मोटू पतलू और न जाने कितने कार्टूनों से चिपके देखा होगा।
कार्टून के निर्माण से लेकर विभिन्न पात्रों को जीवित रूप में प्रस्तुत करने के लिए उम्मीदवार में अव्वल दर्जे की कल्पनाशीलता का होना चाहिए।
आवश्यक एजुकेशनल क्वालिफिकेशंस
एनीमेशन में प्रोफेशनल कोर्स की शुरुआत बारहवीं परीक्षा के पास करने के बाद से हो सकती है। प्लस टू के पास करने के बाद से ही एनीमेशन कोर्स में डिप्लोमा और मास्टर की डिग्री प्राप्त की जा सकती है।
महत्वपूर्ण कोर्स
बीए (आनर्स) इन 3-डायमेंशन एनीमेशन, एनीमेशन एंड ग्राफिक डिजाइन में बीएससी, एनीमेशन और गेम टेक्नोलॉजी में बीएससी, एनीमेशन एंड मल्टीमीडिया में बीएससी, एडवांस डिप्लोमा इन 3-डायमेंशन एनीमेशन, एडवांस डिप्लोमा इन एनीमेशन एंड विजुअल इफेक्ट्स, एडवांस डिप्लोमा इन एनीमेशन इंजीनियरिंग, एनीमेशन एंड मल्टीमीडिया में एमएससी।
प्रमुख संस्थान
ग्लोबल इंस्टिट्यूट आफ गेमिंग एंड एनीमेशन चेन्नई, अकादमी आफ डिजिटल आर्ट्स नयी दिल्ली, प्रांस मीडिया इंस्टीट्यूट, नयी दिल्ली, माया अकादमी आफ एडवांस्ड सिनेमाटिक्स मुंबई, नेशनल इंस्टिट्यूट आफ डिजाईनअहमदाबाद, इंडस्ट्रियल डिजाइन सेंटर आइआइटी मुंबई, इंस्टिट्यूट आफ कम्युनिकेशन एंड मीडिया टेक्नोलॉजी, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी
रोजगार के अवसर
एनीमेशन में डिग्री धारकों के लिए रोजगार की कोई कमी नहीं है। टेलीविजन उद्योग के साथ-साथ विभिन्न गेम्स के उद्योगों में एनीमेशन में डिग्री और डिप्लोमा धारकों के लिए रोजगार के अनगिनत अवसर खुले हुए हैं।
इसके अतिरिक्त एनीमेशन के डिग्री धारक विज्ञापन एजेंसियों के साथ-साथ वेब कंपनियों के लिए भी काम कर सकते हैं।
प्रसारण अभियांत्रिकी (ब्राडकास्टिंग इंजीनियरिंग)
ब्राडकास्टिंग इंजीनियरिंग ही टेलीविजन और रेडियो के कार्यक्रमों को लाखों और करोड़ों लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं और इस सब के पीछे प्रसारण अभियंता की अहम भूमिका होती है।
एफएम रेडियो की लोकप्रियता ने भी एक ब्राडकास्टिंग इंजीनियर के करियर में अप्रत्याशित वृद्धि की संभावना को बढ़ा दिया है।
अनिवार्य कोर्स
पहली महत्वपूर्ण बात तो यह है कि ब्राडकास्टिंग इंजीनियरिंग का संकाय वास्तव में इंजीनियरिंग का कोई विशेष और अलग संकाय नहीं होता है।
यह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का ही एक उपभाग है। ब्राडकास्टिंग इंजीनियरिंग में करियर के लिए किसी छात्र को गणित और भौतिकी विषयों के साथ प्लस टू पास होना जरूरी होता है।
इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग या ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन की डिग्री भी अनिवार्य होता है।
ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग के करियर में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एवं आडियो इंजीनियरिंग में चार-वर्षीय बैचलर कोर्स भी काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
कोर्स के लिए महत्वपूर्ण संस्थान
देश में कई संस्थानों से ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी में डिग्री, डिप्लोमा, पोस्टग्रेजुएट डिग्री और सर्टिफिकेट स्तर के कोर्स किये जा सकते हैंकइनमें अधिकतर संस्थाएं प्रवेश परीक्षाओं में प्राप्त परिणामों के आधार पर कोर्स में नामांकन देती है।
ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग सोसाइटी, बैंगलोर, एसएनएस कॉलेज आफ टेक्नोलॉजी, कोयम्बतूर, सिम्बायोसिस इंस्टिट्यूट आफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पुणे, ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग सोसाइटी नयी दिल्ली, इंडियन इंस्टिट्यूट आफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया बेंगलुरु, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली, और जेवियर इंस्टिट्यूट आफ कम्युनिकेशन मुंबई ब्राडकास्टिंग इंजीनियरिंग में करियर के लिए आवश्यक कोर्स के प्रसिद्ध संस्थान में गिने जाते हैं।
रोजगार के अवसर
ब्राडकास्टिंग इंजीनियरिंग में डिग्री धारक उम्मीदवारों के लिए निजी एवं सरकारी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के ढेर सारे अवसर उपलब्ध हैं।
टेलीविजन चैनल से लेकर आकाशवाणी (आल इंडिया रेडियो) और दृश्य और श्रव्य माध्यमों में ब्राडकास्टिंग इंजीनियर, तकनीशियन और संचालक (आपरेटर) के रूप में बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध हैं।
एसपी शर्मा