- बिजली अफसरों की बड़ी लापरवाही, नहीं बदले फुंके ट्रांसफार्मर, एमईएस बिजलीघर से एक घंटे में 20 कट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर की घनी आबादी वाले इलाके शीश महल में करीब 100 घंटे से बिजली पानी के बगैर रह रहे लोगों के सब्र का वाहन शुक्रवार देर रात टूट गया। सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने पीवीवीएनएल अफसरों के खिलाफ जमकर हंगामा किया। लोगों ने बताया कि एक दिन में दो-दो ट्रांसफार्मर फूंक गए। जिसकी वजह से शीश महल व आसपास के इलाके की बत्ती गुल हो गयी। ट्रांसफार्मर फुंकने से एक दो घंटे नहीं बल्कि करीब 100 घंटे लंबी अघोषित कटौती कर दी गयी। शहर के इस इलाके में जब लाइट नहीं आयी तो लोग पानी के लिए भी तरस गए।
हंगामा कर रहे गुस्साए लोगों ने बताया कि बिजली जाने के बाद इनवर्टर भी हांफ गए। इनवर्टर लाइट आने पर ही चार्ज होते हैं, जब लाइट ही नहीं आयी तो फिर इनवर्टर कहां से चार्ज होते। हंगामे के दौरान एक व्यक्ति सीढ़ी लगाकर हाइटेंशन लाइन के खंभे पर जा चढ़ा। यह देखकर लोगों की सांसें थम गयी। उसे बामुश्किल नीचे उतारा जा सका। इस बीच किसी ने सूचना दी तो वहां कोतवाली थाना से पुलिस वाले पहुंच गए। उन्होंने किसी प्रकार लोगों को शांत करने का प्रयास किया तो हंगामा कर रहे लोगों के सब्र का बांध टूट गया।
उनका कहना था कि पांच दिन यानि 100 घंटे से ज्यादा का वक्त गुजर गया, जब से बिजली गुल है। लोगों ने पुलिस वालों को वहां सड़क पर पडेÞ फुंके हुए ट्रांसफार्मर दिखाते हुए बताया कि इन्हें बदलवाने की फुर्सत बिजली महकमे के अफसर को नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक लाइट नहीं आएगी वो अपने घरों में नहीं जाएंगे। जून की इस गर्मी में घर के भीतर बगैर लाइट के वो जाकर क्या करेंगे। मौके पर पहुंचे पुलिस वालों ने बिजली अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं किया।
…तो सस्पेंशन का खौफ नहीं जेई को
एमईएस बिजलीघर से संबंध बीसी लाइन इलाके में शुक्रवार देर रात एक घंटे के भीतर 20 कट लगे। वस्तु स्थिति यानि इसकी वजह जाने के लिए जब एमईएस बिजलीघर के जेई के सीयूजी नंबर पर संपर्क का प्रयास किया तो पहले तो काफी देर तक सीयूजी नंबर व्यस्त जाता रहा। बाद में जब कॉल गयी तो उन्होंने रिसीव नहीं की। करीब 10 बार उनके सीयूजी नंबर पर काल की गई। हर बार घंटी गयी, लेकिन जेई ने कॉल रिसीव करने की जहमत गंवारा नहीं की। यहां याद दिला दें कि उपभोक्ताओं की कॉल रिसीव न करने पर एमडी पीवीवीएनएल अब तक अनेक अधिकारियों को सस्पेंड कर चुकी हैं,
लेकिन लगता है कि एमईएस बिजलीघर के इस जेई को न तो एमडी के निर्देशों की कोई परवाह है जिसमें उन्होंने सभी अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि उपभोक्ताओं की कॉल रिसीव की जाए और न ही इन जेई को एमडी द्वारा आदेशों का उल्लंघन के चलते की जाने वाले सस्पेंशन की कार्रवाई की ही कोई परवाह है। ऐसा प्रतीत होता है कि एमईएस बिजलीघर के जेई अब खुद को एमडी के आदेशों से ऊपर समझने लगे हैं।
अंधाधुंध कटौती से लोग त्रस्त, वो 60 घंटे बगैर बिजली के
गंगानगर इलाके में दो फीडर में इनमें सेकंड फीडर में ओवरलोड के चलते अचानक जोरदार धमाका हुआ है। पूरे इलाके की बत्ती गुल कर दी गयी। एक तो गर्मी की मार उस पर फीडर के बैठने के चलते बत्ती का गुल कर दिया जाने से लोगों की जान निकालकर रख दी। शुरू में दूसरे फीडर से आपूर्ति देने का प्रयास किया, लेकिन जब लोड अधिक पड़ा तो वो रही सही कसर भी पूरी हो गयी। लोगों ने बताया कि करीब 60 घंटे बगैर लाइट के रहना पड़ा। केवल लाइट ही नहीं बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरस गए। आसमान से आग बरसा रही जून की गर्मी और अंधाधुंध बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है।
शहर से लेकर देहात तक लोग बिजली कटौती की मार से बेहाल हैं। बिजली कटौती के साथ ही शहर के कई इलाकों में अभूतपूर्व पानी का संकट भी खड़ा हो गया है। दरअसल, शहर के ज्यादातर इलाके ऐसे हैं जहां पानी की आपूर्ति तभी संभव है जब बिजली चालू होती है, लेकिन जैसे बत्ती गुल होती है। तमाम इलाकों में पानी की किल्लत पैदा हो जाती है। बिजली की अंधाधुंध कटौती ने लोगों का चैन छीन लिया है। वहीं, इस संबंध में पीवीवीएनएल चीफ धीरज सिन्हा ने बताया कि आपूर्ति का संकट नहीं है, केवल लोकल फॉल्ट होने पर ही शटडाउन लिया जा रहा है। कई बार केबल फुंक जाता है। ऐसी ही छोटी-छोटी परेशानियों की वजह से शटडाउन लेना पड़ता है।