जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: दुनिया अभी कोरोना वायरस के प्रकोप से जद्दोजहत के बीच एक नया वायरस लोगों को बीमार करने आ गया है। दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स वायरस से खलबली मची हुई है क्योंकि, ये वायरस अब तेजी से फैल रहा है। मंकीपॉक्स एक पुराना वायरस है लेकिन, कुछ दिनों पहले इसका पहला मामला मिलने के बाद ये दुनिया में तेजी से फैल रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की अगर मानें तो ये दुनिया के 20 देशों में फैल चुका है और 200 लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। इनमें से 106 मामले ऐसे हैं जो संदिग्ध हैं। इन सभी चीजों के बीच राहत भरी खबर ये है कि भारत में इस वायरस का कोई मामला नहीं है और पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जिस भी देश में मंकीपॉक्स वायरस के मामले मिले हैं उसने अपना स्वरूप नहीं बदला है। कहने का मतलब ये है कि जिन देशों में इस वायरस की उत्पत्ति हुई उन देशों और जहां ये वायरस फैला उन देशों में समान पाया गया है। इसके स्वरूप में कोई बदलाव नहीं पाया गया है। डब्ल्यूएचओ ने उन देशों को बचाव के लिए तत्काल कदम उठाने की सख्त हिदायत दी जिनमें ये वायरस नहीं फैला है।
कोरोना की तरह फैलता ये वायरस
डब्ल्यूएचओ में वैश्विक संक्रमण खतरों से निपटने के लिए बनाए गए कार्यदल की निदेशक सिल्वी ब्रायंड ने बताया कि हमारे पास मंकीपॉक्स को फैलने से रोकने का मौका है। अगर सही जगहों पर सही उपाय करें तो इसे स्थानीय स्तर पर ही रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये वायरस कोरोना वायरस की तरह फैल सकता है, हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि उसके मुकाबले कम तेजी से फैलता है। अभी व्यापक स्तर पर टीके लगाने की जरूरत नहीं है, लेकिन संक्रमण वाली जगहों पर टीकाकरण किया जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ में चेचक सचिवालय के प्रमुख रोजमंड लेविस ने कहा कि संक्रमितों की जांच, उनके संपर्कों की निगरानी और होम आइसोलेशन जैसे उपाय इस बीमारी में भी सर्वाधिक प्रभावी होंगे।
इन देशों में हो चुकी है मंकीपॉक्स की पुष्टि
अमेरिका ने मंकीपॉक्स के 9 मामलों की पुष्टि की है। अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इजराइल और स्विट्जरलैंड सहित कुछ गैर-स्थानिक देशों में भी मंकीपॉक्स के मामलों की रिपोर्ट की गई है। यूरोपीय संघ ने मंकीपॉक्स के 118 मामलों की पुष्टि की है। ब्रिटेन ने 90 मामलों की पुष्टि की है। स्पेन और पुर्तगाल ने 51 और 37 मामलों की पुष्टि की है। कनाडा में 16 मामलों की पुष्टि की गई है।
भारत में कोई मामला नहीं, सतर्कता बरत रहे: आईसीएमआर
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि भारत इस बीमारी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और देश में अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है। आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉ अपर्णा मुखर्जी ने कहा है कि हमारी तैयारियां पूरी हैं। आईसीएमआर की ओर से इससे बचने के दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने मंकीपॉक्स प्रभावित देशों से आए लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी।
इस बीच अच्छी खबर ये है कि एक भारतीय प्राइवेट हेल्थ कंपनी ने मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने के लिए रियल-टाइम RT PCR किट बनाने की घोषणा की है।
भारत ने मंकीपॉक्स का पता लगाने के लिए बना ली आरटी-पीसीआर किट
भारतीय प्राइवेट हेल्थ डिवाइस कंपनी ट्रिविट्रान हेल्थकेयर ने शुक्रवार को मंकीपॉक्स यानी आर्थोपॉक्सवायरस का पता लगाने के लिए एक रियल-टाइम आरटी-पीसीआर किट विकसित करने की घोषणा की है। ट्रिविट्रॉन की मंकीपॉक्स रियल-टाइम पीसीआर किट चार रंग फ्लोरोसेंस पर आधारित किट है। ये किट एक ट्यूब में चेचक और मंकीपॉक्स के बीच अंतर कर सकती है। कंपनी का कहना है कि इसमें 1 घंटे का समय लगता है। चार जीन पर आधारित आरटी-पीसीआर किट में पहला व्यापक ऑर्थोपॉक्स ग्रुप में वायरस का पता लगाता है, दूसरा और तीसरा मंकीपॉक्स और चेचक वायरस को अलग करता है।