जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की खबर है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अबतक 84 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 116 घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक वायनाड से सांसद राहुल गांधी कल यानि बुधवार को जाएंगे।
वहीं सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है। स्थानीय आपदा मोचन बल के जवान राहत और बचाव कार्य चला रहे हैं। बारिश के कारण कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
केरल में दो दिनों के लिए शोक की घोषणा
वायनाड में भूस्खलन के बाद हुई भीषण तबाही में बड़ी संख्या में लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार ने राज्य में दो दिनों के लिए शोक की घोषणा की है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अन्य रेस्क्यू टीम की मांग की
वहीं केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव शेखर कुरियाकोस ने कहा, बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और हमारे पास पर्याप्त बल हैं। एनडीआरएफ को पहले से ही तैनात कर दिया गया है।
अग्निशमन और बचाव की 10 टीमें, 200 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक, एनडीआरएफ की 3 टीमें काम कर रही है। उन्होंने बताया कि हमने NDRF की चौथी टीम, रक्षा सुरक्षा पुलिस की दो टीमें और नौसेना की एक नदी पार करने वाली टीम को यहां भेजने का अनुरोध किया है। हमने सेना से इंजीनियरिंग टास्क फोर्स के लिए भी अनुरोध किया है। हमारे पास इन सैनिकों को ले जाने के लिए विमान तैयार हैं।
वायनाड, कोझिकोड में NDRF की टीम तैनात
वायनाड में भूस्खलन के बाद खोज और बचाव अभियान पर, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट एस शंकर पांडियन ने कहा कि हमारी टीमें वायनाड में कई जगहों पर तैनात हैं। यहां तक कि कोझिकोड में भी भूस्खलन की आशंका थी, एनडीआरएफ की टीम वहां भी तैनात है। एनडीआरएफ की 3 टीमें पहले से ही वायनाड में हैं। हालांकि हमें भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
उफान पर है नदी, सैनिकों को हो रही दिक्कत
भारतीय सेना के अधिकारी के मुताबिक भारतीय सेना की टुकड़ी 12 बजे तक चूरलमाला में भूस्खलन वाली जगह पर पहुंच गई। फिलहाल चूरलमाला के वार्ड नंबर 10 में रस्सियों की मदद से सैनिकों को नदी पार कराया जा रहा है।