Monday, January 20, 2025
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नंगली आजमाबाद स्कूल का स्टाफ उड़ा रहा नियमों की धज्जियां

  • विद्यालय का गेट समय पर नहीं खुलता, पूरा स्टाफ रहता है गायब
  • सुबह साढ़े नौ बजे तक भी स्टाफ का पता नहीं, कैसे सुधरेगा शिक्षा का स्तर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सरकारी स्कूल नंगली आजमाबाद में शिक्षा का स्तर सुधरे भी तो कैसे जब यहां स्टाफ ही समय पर नहीं पहुंचता। जबकि प्रशासन द्वारा लगातार सरकारी स्कूलों को लेकर दिशा-निर्देश दिए जाते रहते हैं। बावजूद इसके यहां का स्टाफ उनका पालन नहीं कर रहा है।

रजपुरा बीआरसी में पड़ने वाले उच्च प्राथमिक विद्यालय नंगली आजमाबाद का समय पर नहीं खुलने का प्रकरण लगातार चल रहा है। इस विद्यालय में स्टाफ समय पर नहीं पहुंचता, साथ ही यहां पढ़ने वाले छात्रों की शिक्षा भी किस तरह की होती है। इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। गत 16 मार्च को भी इसी स्कूल का गेट सुबह साढ़े नौ बजे तक बंद रहा था।

जिसको लेकर ग्राम प्रधान जगत सिंह ने आरोप लगाया था कि यह सिलसिला इसी तरह लगातार चल रहा है, अब चार दिन बाद सोेमवार को भी हालात जस के तस बने पाए गए। यहां का स्टाफ लगातार समय पर न आने के कारण विद्यालय के नियमों का पालन नहीं कर रहा है, नियमों के मुताबिक विद्यालय का गेट सुबह नौ बजे खुल जाना चाहिए, लेकिन यहां इसकी अनदेखी लगातार हो रही है।

विद्यालय में अगर स्टाफ ही समय पर नहीं पहुंचेगा तो यहां पढ़ने वाले छात्रों को कैसे अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाएगा। वहीं, इस संबंध में एबीएसए कमल राज से इस प्रकरण को लेकर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। बीएसए योगेन्द्र कुमार का कहना है कि विद्यालय का स्टाफ समय पर क्यों नहीं पहुंचता है। इसकी आज जांच कराई जाएगी। वहीं, सहायक अध्यापक विशाल गुप्ता पिछले सात सालों से क्यों नहीं विद्यालय में शिक्षा देने जा रहे हैं? इसको लेकर एक लेटर तैयार कराया जा रहा है।

विद्यालय में कुल तीन शिक्षकों का स्टाफ है जिनमें से एक सहायक अध्यापक विशाल गुप्ता तो पिछले सात सालों से कभी पढ़ाने के लिए नहीं पहुंचा है। चर्चा है कि इस शिक्षक की पहुंच विभाग के आलाधिकारियों तक है जिस कारण यहां का स्टाफ भी लगातार लापरवाह बना हुआ है। इसी शिक्षक की इससे पहले भी उच्च प्राथमिक विद्यालय मोरना में पोस्टिंग रही है। वहां पर भी यह कभी बच्चों को शिक्षा देते नहीं पाया गया। इसकी पुष्टि विद्यालय के ही स्टाफ द्वारा की गई है।

स्टाफ क्यों उड़ा रहा है नियमों की धज्जियां

मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह द्वारा लगातार सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। बावजूद इसके आखिर इस विद्यालय का स्टाफ उनका पालन क्यों नहीं कर रहा है। यह बड़ा सवाल है। चर्चा है कि विद्यालय का स्टाफ यह भली-भांति जानता है कि इसी विद्यालय का सहायक अध्यापक विशाल गुप्ता जब पिछले सात सालों से विद्यालय नहीं आ रहे हैं और उसके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है तो बाकी स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा?

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