- मेरठ स्टेशन पर माल गाड़ियों के लिए गार्डों की भारी कमी, बिना गार्ड के ही चल रही मालगाड़ियां
- होने चाहिए 32 गार्ड, है 18, रात में शंटिंग स्टाफ को लगाया जाता गार्डों के स्थान पर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर से होकर गुजरने वाली मालगाड़ियों को बिना गार्डों के ही चलाया जा रहा है। जबकि रात के समय इन गाड़ियों में शंटिंग स्टाफ को गार्ड की जगह लगाया जाता है, लेकिन शंटिंग स्टाफ से गार्ड का काम लेने पर उनका कार्य कैसे हो? यह समस्या लगातार बनी हुई है। रेलवे में इन दिनों गार्डों की भारी कमी है, यह उसका नतीजा है।
किसी भी रेलगाड़ी में गार्ड की अहम् भूमिका होती, चालक और गार्ड के आपसी सामंजस्य के बाद ही कोई गाड़ी चलती है, वहीं चालक आगे के रास्ते पर नजर रखता है तो गार्ड पूरी गाड़ी के वैगनों से लेकर पीछे गुजरने वाले रास्ते की निगरानी करते हैं। गार्ड का कार्य उस समय सारिणी को भी मेंटेन करने का होता है, जिस दौरान वह किसी स्टेशन को क्रास करते हैं। यह रिकॉर्ड में दर्ज होता है।
वहीं, इस संबंध में सिटी रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह का कहना है कि गार्ड कम होने के कारण काफी परेशानी हो रही है। जो मालगाड़ियां बिना शंटिंग के चलती है। उनको बिना गार्ड के ही चलाया जा रहा है। शंटिंग स्टाफ को भी गार्ड की जगह लगाया जा रहा है। ऐसे में उनका काम कौन करेगा? यह बड़ी समस्या है।
शंटिंग स्टाफ की भी कमी
मेरठ में शंटिंग स्टाफ की भी भारी कमी है, यहां पर शंटिंग के लिए 25 लोगों की जरूरत है, लेकिन केवल 20 लोगों के भरोसे ही शंटिंग कराई जा रही है। इसके साथ ही शंटिंग स्टाफ को रात के समय गार्डों की जगह लगाया जाता है। जिससे उनका कार्य कौन करें? यह समस्या पैदा हो रही है।
बजट बढ़ने से कम किया जा रहा स्टाफ
रेलवे में गार्डों की कम संख्या होने का महत्वपूर्ण कारण यह है कि रेलवे ने अपना बजट सीमित कर लिया है। अब जो गार्ड रिटायर हो चुके हैं। उनकी जगह नई भर्ती नहीं की जा रही है। जितना स्टाफ है, उससे ही काम चलाया जा रहा है। यहां तक कि गेटमैनों को भी निजी कंपनियों द्वारा रखा जा रहा है, जो ठेके पर गेटमैन रख रही है।
एक दिन में गुजरती है 20 मालगाड़ियां
मालगाड़ियों का काम जरूरी सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का होता है। इनमें वैगनों की संख्या भी अधिक होती है साथ ही समय से माल पहुंचे यह भी काफी अहम् होता है। अकेले मेरठ से ही 20 मालगाड़ियां रोज होकर गुजरती है, लेकिन जिन गाड़ियों में शंटिंग की जरूरत नहीं होती। उन्हें इस समय बिना गार्डों के ही चलाया जा रहा है। जबकि शंटिंग वाली मालगाड़ियों में गार्ड का होना जरूरी है, जिसको लेकर गार्डों की कम संख्या परेशानी का सबब बनी हुई है।