- सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम ने सुप्रीम कोर्ट के रिसीवर को सौंपा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: घंटाघर स्थित जिस मेनका सिनेमा हॉल में शोले फिल्म 52 सप्ताह चली थी। आज उसी सिनेमाहाल को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त किये गए रिसीवर को सौंप दिया गया। मेनका सिनेमा हॉल आम्रपाली ग्रुप आॅफ कंपनी के अंतर्गत है। आम्रपाली ग्रुप के डिफाल्टर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ग्रुप की सभी प्रॉपर्टी को सील कर इन पर रिसीवर नियुक्त कराए थे। सुप्रीम कोर्ट के रिसीवर के रूप में सीनियर अधिवक्ता वेंकट रमणी के प्रतिनिधि शनिवार को मेरठ पहुंचे।
जिसके बाद राजस्व टीम व सिटी मजिस्ट्रेट अमित भट्ट और सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया व तहसीलदार और कानूनगो लेखपाल ने मेनका सिनेमा पर पहुंचकर पैमाइश की। इस दौरान लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस और प्रशासन ने पूरे इलाके को छावनी मे तब्दील कर दिया था। मेनका सिनेमा काफी समय से बंद है। सितंबर 2018 में गुपचुप ढंग से इसकी इमारत का पिछला हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया।
बगैर अनुमति ध्वस्तीकरण करने पर फिलहाल सिनेमा सील है। नगर निगम के रिकार्ड में सिनेमा हाल के मालिकाना हक में परिवर्तन किया गया। पहले नादिर अली का नाम स्वामी के रूप में दर्ज रहा। वर्ष 2009 में हाईटेक सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर पुरुषोत्तम चौबे का नाम दर्ज किया गया। सीनियर एडवोकेट आर. वेंकटरमणी की ओर से आरोप लगाया था कि प्रॉपर्टी पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है।
इसे हटाने और कुछ निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई थी। जिस पर कोर्ट ने आदेश दिया है। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ रिसीवर की ओर से पत्राचार करते हुए फोर्स देने की मांग की गई थी। इस मामले में कई बार पत्राचार भी हुआ। 14 अप्रैल को रिसीवर टीम के साथ एसपी सिटी विनीत भटनागर के कार्यालय पहुंचे। यहां आंकलन किया गया कि कितनी फोर्स दी जानी है।
सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ कोतवाली, लेखपाल, थानेदार को बुलाया गया। इस दौरान पता चला कि मामले में एमडीए की रिपोर्ट भी चाहिए। इसके बाद डीएम से एक टीम का गठन करने की मांग की गई। पूर्व डीएम मेरठ के. बालाजी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में तीन दिन में प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा था। मामला फिर से टल गया था।