- छह में से एक कोच होगा महिलाओं के लिए आरक्षित
- भीड़ बढ़ने पर छह से नौ कोच की हो जाएगी रैपिड रेल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ने वाली रैपिड रेल के स्टेशन हर पांच से छह किमी के बीच होगे। छह कोच वाली इस रेल में महिलाओं के लिए एक डिब्बा आरक्षित रहेगा और यदि बाद में भीड़ का दबाव बढ़ता है तो इसमें तीन अतिरिक्त कोच और जोड़ दिए जाएंगे। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार इस रेल के शुरू होने के फौरन बाद से ही सभी यात्रियों को ‘रैपिड सुविधांए’ मिलनी शुरू हो जाएगी।
यात्रियों का दबाव बढ़ते ही हो जाएंगे नौ कोच
एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार रैपिड के शुरुआती दौर में रेल में कुल छह कोच होंगे, लेकिन जैसे जैसे यात्रियों का दबाव बढ़ेगा रेल में नौ कोच हो जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार रैपिड के रास्ते में हर पांच से छह किमी के बीच एक रैपिड स्टेशन होगा। छह कोच वाली इस ट्रेन में चार स्टैंर्डड कोच होंगे। जबकि एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।
देश की पहली रैपिड रेल पहुंची ट्रैक पर
देश की पहली रैपिड रेल पूरी तरह से असेम्बल होकर तैयार है और इसे ट्रैक पर लाकर भी खड़ा कर दिया गया है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने ट्रैक पर पहुंचकर इस पूरी असेंबल रेल का जायजा भी लिया। यह रेल गाजियाबाद के दुहाई डिपो में असेंबल की गई है।
इससे पूर्व इस ट्रेन के सभी छह कोच गुजरात के सांवली से छह बड़े ट्रेलर पर रखकर गाजियाबाद के दुहाई पहुंचे थे, जिन्हें बाद में इंजीनियरों की देखरेख में यहीं असेंबल किया गया था। फिलहाल देश की पहली रैपिड रेल ट्रैक पर खड़ी हो चुकी है।
215 मीटर का होगा एक प्लेटफॉर्म
रैपिड रेल का एक प्लेटफॉर्म 215 मीटर का होगा। यह प्लेटफॉर्म छह की जगह नौ कोच को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किए जा रहे हैं ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न आने पाए। यदि भारतीय रेलवे के प्लेटफॉर्म की बात करें तो यह अमूमन 500 से 600 मीटर तक लम्बे होते हैं, लेकिन रैपिड रेल के प्लेटफॉर्म इससे काफी छोटे होंगे।
दिव्यांगों की सहुलियत का भी होगा पूरा ख्याल
रैपिड रेल के प्लेटफॉर्म इस प्रकार से डिजाइन किए जा रहे हैं कि रेल और प्लेटफॉर्म का लेवल समान सतह पर हो ताकि किसी दिव्यांग यात्री को रैपिड में सफर करने में कोई परेशानी न आए। उसकी व्हील चेयर आराम से रेल में आ जा सकेगी। इसके अलावा इमरजेंसी के लिए रेल के डिब्बों में स्ट्रेचर के लिए भी स्थान आरक्षित होगा। पूरी रेल सीसीटीवी कैमरों से लैस होगी।
प्लेटफॉर्म पर होंगे स्क्रीन डोर
रैपिड के हर प्लेटफॉर्म पर स्क्रीन डोर भी लगाए जाएंगे। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार जो स्क्रीन डोर होगें तो रैपिड रेल को इस प्रकार से रुकना होगा कि रैपिड के दरवाजे और प्लेटफॉर्म पर लगे स्क्रीन डोर आमने-सामने होंगे।
प्लेटफॉर्म पर सिर्फ 30 सेकेंड ही रुकेगी रेल
रैपिड रेल प्लेटफॉर्म पर 30 सेकेंड रुकेगी। खास बात यह होगी कि इन 30 सेकेंड में ही सारे काम पूरे करने होंगे। मसलन इन 30 सेकेंड में ट्रेन के दरवाजे खुलेंगे और बंद भी होंगे और इसी दौरान यात्रियों को उतरना होगा और दूसरे यात्रियों को चढ़ना भी होगा। कुल मिलाकर कहा जाए तो ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आते ही अफरातफरी का माहौल बनना तय है।
रैपिड ने धोए अपने ‘दाग’
रैपिड रेल के लिए दिल्ली रोड पर हो रही सुरंग की खुदाई के दौरान नादिर अली बिल्डिंग में आई दरारों को भरने का काम अब भी चल रहा है। नादिर अली बिल्डिंग में रहने वाले यूसुफ कुरैशी व शहजाद कुरैशी ने बताया कि सुरंग की खुदाई के दौरान उनके मकान के अन्दर दरारें आ गई थीं जिसके बाद लोगों में हड़कम्प मच गया था।
इस बिल्डिंग के साथ इससे सटे फैज-ए-आम इंटर कॉलेज में भी सपोर्ट लगाते वक्त ही दरारें पड़नी शुरु हो गई थीं। इस समाचार को दैनिक जनवाणी ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद रैपिड के अफसरों ने नादिर अली बिल्डिंग की ओर दौड़ लगा दी थी। हाजी यूसुफ कुरैशी ने बताया कि रैपिड की टीम ने मौका मुआयना कर पहले तो यहां लगी सपोर्ट को और मजबूत किया और उसके बाद इन दरारों को भरने का काम शुरू किया।
इसके अलावा शहजाद कुरैशी ने बताया कि उनके घर में दरारों को भरने का कार्य एक दो दिन में पूर्ण कर लिया जाएगा। उधर, रैपिड अफसरों ने यह भी बताया कि दिल्ली रोड पर सुरंग की खुदाई लगातार जारी है और इस मशीन के फिलहाल बंद होने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है।