- अधिकारियों से बार-बार शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: कंकरखेड़ा का कुछ हिस्सा अमेजन नदी का जंगल जैसा दिखाई देने लगा है। नगर निगम द्वारा शहरी क्षेत्र के नागरिकों के लिए दी जा रही स्वच्छता अभियान की पोल इस क्षेत्र में खुल जाती है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि कॉलोनी के लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। तरह-तरह की बीमारियां पनप रही है। आने वाला समय बरसात का है। इसको लेकर नागरिकों के मन में काफी चिंता होने लगी है।
अधिकारियों के दर पर बार-बार शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो भाजपा नेता विनय चौधरी ने जिलाधिकारी को समस्या से अवगत कराया। यह समस्या राजनगर और संतविहार की है। नाला का निर्माण नहीं होने से पानी क्षेत्र में घुसने लगा है। समस्या से निजात पाने के लिए यहां के नागरिक अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।
कंकरखेड़ा में दांतल रोड से नेशनल हाईवे की तरफ को कॉलोनी का पानी निकालने के लिए नाला बना हुआ है। लेकिन इस नाले का पक्का निर्माण दांतल रोड से संत विहार तक है। इससे आगे नेशनल हाईवे तक नाले का निर्माण नहीं हो सका। जिस कारण लोगों के घरों से निकलने वाला पानी रास्ते और सरकारी भूमि में भरने लगा। अब हालात इस कदर बिगड़ गए कि नाले और भूमिका पता ही नहीं चल पा रहा।
नाले से दूर तक सरकारी भूमि में कटीले घास और अन्य प्रकार के जंगली घास उगा गए हैं। जिसमें नाले और भूमि का पता नहीं चल पा रहा हैं। अब तो हालात ऐसे हो गए की जैसे अमेजन नदी की दलदल के हो। संतविहार और राजनगर कॉलोनी में रहने वाले लोग काफी परेशान हैं। भाजपा नेता विनय चौधरी का कहना है कि गांव और देहात के रास्ते भी काफी बेहतर है।
लेकिन यहां शहर में रहते हुए भी हालात पाषाण युग से भी बदतर हो गए। अब बरसात शुरू होने वाली है। रास्तों पर भी पानी भर जाएगा। लगभग कई सौ मकान इस गंदे पानी में डूब जाएंगे। जिसमें सांप और बिच्छू वगैरा पानी से निकल कर घर में घुसने लग जायेंगे। उन्होंने बताया कि समस्या के समाधान के लिए उन्होंने नगर निगम सहित कई अधिकारियों से को समस्या से अवगत कराया है।
लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। तब उन्होंने व्हाट्सएप का सहारा लेकर जिला अधिकारी से संपर्क किया और यहां के फोटो उनके पास भेजे। जिसके बाद जिलाधिकारी ने स्थान के बारे में जानकारी ली है। विनय चौधरी का कहना है कि यहां पर हरिनगर श्रद्धापुरी, संत विहार, राजनगर और नटेशपुरम आदि कॉलोनी का पानी बहता है। लेकिन आगे निकासी ना होने के कारण यहीं पर कॉलोनी में भर जाता है। जिससे लोगों का निकलना भी काफी मुश्किल भरा हो जाता है।
कैंपर का पानी प्रयोग करना पड़ रहा है लोगों को
संत बिहार और राजनगर क्षेत्र में लगातार गंदा पानी भरा रहने के कारण भूमि का जल भी दूषित हो गया है। यहां के नागरिकों को घर में पानी पीने के लिए भी कैंपर मंगाना पड़ रहा है। दरअसल सबमर्सिबल या हैंड पंप से पीने योग्य पानी भूमि से नहीं निकल पा रहा।
जिस कारण लोगों को घरों में कैंपर मंगाने पड़ रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि वह मजबूरी में अधिकारियों के कार्यालय पर धरना देने को मजबूर हो जायेंगे।